ईश्वर

एक दिन गोलू अपनी मां की गोद में झूमते हुए बोला मां चलो खेलते हैं उसकी मां अपने बच्चे को को प्यार देना थी क्योंकि वह जानती थी कि मेरा गोलू अपने पापा के प्यार से वंचित रह जाता है ।वह अपने पापा की गोद में बैठना चाहता है । उस बच्चे के पापा के पास इतवार को भी समय नहीं होता था इतना अधिक काम था कि वह बच्चे को कभी भी पास बैठकर प्यार नहीं कर सकते थे। जब शाम को उसके पापा घर आते तो गोलू सो चुका होता मासूम सा गोलू अपनी मां से कहता कि मामा मेरे पापा के पास मेरे लिए समय नहीं  है। जब मैं बड़ा हो जाऊंगा तब मैं भी अपने पापा से प्यार नहीं करुंगा ।उसकी मम्मी कहती कि बेटा ऐसी बात नहीं है तुम्हारे पापा तुम्हें भी प्यार करते हैं परंतु छुट्टी वाले दिन भी उन्हें काम पर जाना पड़ता है। उसकी मां कहती थी बेटा ध्रुव के पिता भी उसे प्यार नहीं करते थे भगवान जी से मांगना पड़ता है उनकी पूजा करनी पड़ती है । उस ने अपनी मम्मी से पूछा यह भगवान जी क्या होता है ।उसकी मम्मी ने कहा भगवान का मतलब हे ईश्वर हमें ईश्वर को मनाना पड़ता है ।जो  व्यक्ति ईश्वर की पूजा करता है वह हमेशा अपने मां बाप का प्यार पाता है ।छोटा सा गोलू सोचने लगा कि वह ईश्वर को ढूंढ कर ही रहेगा और उससे पूछ कर ही रहेगा  कि मेरे पापा मुझे क्यों गोद में नहीं बिठाते ।वह मुझे क्यों प्यार नहीं करते क्यों ,उनके पास मेरे लिए समय नहीं है। गोलू  जब भी खेलने जाता तब यही सोचा करता कि भगवान जी, जब मुझे मिलेंगे तब मैं उन की खूब सेवा करुंगा ।मैं उनको खाना खिलाऊंगा, अपनी चॉकलेट भी उन्हें दे दूंगा और उन्होंने उस छोटे सेे बच्चे के दिमाग में ना जाने क्या-क्या बातें थी जिनको वह भगवान जी   से  कुछ कहना चाहता था। उसकी मां ने उसे बताया था कि ईश्वर हमें किसी भी रुप में मिल जाते हैं

।एक दिन उसको कहीं से पता चला कि भगवान मंदिर में मिलते हैं। उसने देखा की मंदिर की सीढ़ियों के पास एक भिखारी बैठा हुआ था ।भिखारी को देखकर गोलू बोला तुम कौन हो और यहां पर सीढ़ियों पर क्यों बैठे हुए हो ?उस भिखारी ने कहा मैं ईश्वर हूं ।गोलू को उसकी मां ने कहा था कि ईश्वर तो किसी भी रुप में आ सकते है,एकदम उनको देखकर गोलू अचरज में आ गया। उसकी मां ने उसे कहा था कि ईश्वर तो किसी भी रुप में आ सकते हैं । गोलू ने कहा अंकल अंकल ,इतने दिनों तक आप कहांथे? मैं आपको ढूंढते-ढूंढते थक गया ।आज मिले हो ,मैं आपको इतनी आसानी से नहीं जाने दूंगा ।यह कहकर गोलू ने अपनी जेब से ₹5 का सिक्का निकाला और कहा यह लो भगवान जी, मेरे पास यही  पांच  रूपये है । मेरी मां ने मुझे यह रुपए चॉकलेट के लिए दिए थे । गोलू भिखारी से हर रोज मिलने लगा ।एक दिन उसनें  उस भिखारी को पूछा कि भगवान जी मुझे बताओ आप कहां रहते हो?

एक दिन वह भिखारी सीढ़ियों से नीच गिर गया । उसके काफी चोट लग चुकी थी। उसके सिर से खून बह रहा था । गोलू उसकी चोट  को देखकर जोर जोर से रोने लगा।   आते जाते लोगों ने गोलू से पूछा कि यह व्यक्ति कौन है तब उसने कहा कि यह ईश्वर अंकल है ।वह  अंकल से फोन लेकर   उन्हें डॉक्टर अंकल के पास   उस भिखारी को लेकर गया और उसकी पट्टी की । गोलू ने अपनी मां से कहा कि आज ईश्वर अंकल मुझे बहुत दिनों बाद मिले है चार-पांच दिन तक  अब  मैं उन्हें अपने घर पर ही रखूंगा जब तक की पूरी तरह वह ठीक नहीं हो जाते जब वह भिखारी ठीक हुआ तो उसने पाया कि वह बच्चा अपने पिता के प्यार से वंचित है ।

गोलू उनके पास आया और कहने लगा , मैं आपसे कुछ पूछना चाहता हूं ।उसने गोलू को   कहा  ,तुम मुझ से   पूछना चाहते हो कि तुम्हारे पापा तुम्हें कितना प्यार करते हैं।  तुम जैसे बेटे को कौन प्यार नहीं करेगा जब भिखारी जाने लगा तो गोलू ने उसको अपनी गुल्लक देते हुए कहा ,ईश्वर अंकल यह तुम रख लो  ,इनसे आप अपनी दवाइयां ले लेना । मेरी मम्मी ने मुझे बताया था कि ईश्वर से प्रार्थना करना उनकी सेवा करना तभी तुम्हें उनसे आशीर्वाद मिलेगा । भिखारी को अपने किए पर पछतावा हो रहा था वह एक भीखारी नहीं मगर उसका लूटने का धंधा था ।उस बच्चे की सीख से उसका हृदय पिघल गया ।वह  गोलू को अपने साथ ले जाना चाहता था ।उस छोटे से बच्चे ने तो उसे भगवान का दर्जा दे दिया था। ।उस भिखारी ने सोचा कि आज से मैं कभी कोई लूटपाट का काम नहीं करूंगा। नहीं तो कोई भी ईश्वर पर विश्वास नहीं करेगा ।उसने बच्चे को गले लगाते हुए कहा कि तुम जैसे बच्चे को पाकर कौन धन्य नहीं होगा ।उस भिखारी ने उस बच्चे के पापा से मिलकर उन से फरियाद कि आप अपने काम में इतना व्यस्त हो गए हैं कि आज आपका प्यार पाने के लिए आपका बच्चा ईश्वर से प्रार्थना कर रहा है   मेरे पापा के पास मुझे प्यार करने के लिए भी समय नहीं है।उसने सारा वृत्तांत गोलूके पापा से कहा ।

गोलू के पापा ने महसूस किया कि आज तो मैंने   अपने बेटे को खो  ही दिया था। भिखारी ने गोलू के पापा को सारी बात बता दी थी कि आपका बेटा मुझे भगवान मानता है उसने अपनी मां से कहानी सुनी थी।  भगवान से जो कूछ  मांगो भगवान उसे अवश्य देते हैः मैं तो आपके बच्चे को चुराकर ले जाने के लिए आया था इस बच्चे ने तो मेरी सेवा करके मुझे पाप करने से बचा लिया ।  आज के बाद मैं इस बुराई के धंधे को छोड़ दूंगा और भगवान की इस दुनिया में गरीबों की मदद कर अपने जीवन को सार्थक करुंगा।

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