प्रातः कालीन भ्रमण(कविता)

प्रातकाल व्यायाम करने की आदत डालो।

तीन चार चक्कर अपने घर की फुलवारी के लगा डालो।  

प्रातः भ्रमण आलस्य को है दूर भगाता।

चुस्त्ती फुर्ती और ताजगी  को है  बढाता।।

शौच आदि नित्य कर्मों से निवृत होकर सैर को जाओ।

अपनी स्मरण शक्ति को बढ़ाकर कार्य क्षमता को बढाओ।।

स्वच्छ हवा में टहलनें की आदत डालो। बिमारीओं से छुटकारा पा कर आयु में वृद्धि कर डालो।।

प्रातः भ्रमण से मस्तिष्क में अच्छे विचार हैं पनपते।

हम हर काम को सुव्यवस्थित ढंग से है कर पाते।।

सुबह नाश्ते में  ताजे   फल ही खाएं।

फल खा कर त्वचा में निखार लाएं।।

प्रातः काल भ्रमण है बहुत ही संजीदा।

व्यक्ति को बनाए सुडौल और गठीला।।

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