बालदिवस(कविता)

 

सूर्य से तेजवान चेहरे वाले।

चंद्रमा की तरह शीतलता देने वाले।।

गुलाब से सुसज्जित कोट वाले।

रोबीले  चेहरे और गुणों वाले।।

देश के युवाओं की आन थे  नेहरू।

युगो युगो की शान थे नेहरू।।

नन्हे-मुन्ने बच्चों की शान थे नेहरू।

बच्चों के प्यारे चाचा कहलाने वाले,

एक   आकर्षक व्यक्तित्व की पहचान थे नेहरू।।

भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू 14 नंबर 1889को इलाहाबाद में अवतरित हुए।

पिता मोतीलाल नेहरू और माता स्वरूप रानी के घर जन्म लेकर राजकुमारों की तरह पले बढें।।

उनका जन्म बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

उनको याद करके उनके गुणों को सराहा जाता है।।

हर काम को सूझबूझ के साथ करने वाले थे नेहरू।

मधुर भाषी और देश को आजादी दिलाने वाले थे नेहरू।।

जलियांवाला बाग कांड के पश्चात गांधी जी द्वारा चलाए गए आंदोलन में भाग लिया।

कठोर यातनाएं और संघर्ष सहकर, देश की आजादी के लिए संघर्ष किया।।

15 अगस्त 1947 को देश को  आजादी दिला कर   देश के प्रथम प्रधानमंत्री बनें।

लोगों के दिलों में बहुतेरे वर्षों तक छाए रहे थे नेहरु।।

आधुनिक भारत का निर्माता कहलाने  वाले ऎसे कर्मठ  महापुरुष थे नेहरु।

17 वर्षों तक प्रधानमंत्री के पद पर आसीन रहे थे  नेहरु।।

साहसी  दिलेर  और जिन्दादिल  इन्सान थे। चाचा नेहरू।

नन्हे मुन्नों की मधुर मुस्कान थे नेहरु।।

आजादी के लिए बढ़-चढ़कर भाग लिया।

आजादी के बाद  पहले प्रधानमंत्री का पद संभाल  कर अपना  कार्य पूरा किया।।

विश्व को पंचशील सिद्धान्त प्रदान किए।

शांतिदूत के रुप में शांतिपूर्ण कार्य किए।।

हंसमुख और सह्रदय व्यक्ति थे नेहरु।

सफल राजनीतिज्ञ होनें के साथ साथ एक महान लेखक भी थे नेहरु।।

डिस्कवरी और इन्डिया पुस्तक का हिन्दी रुपान्तर किया।

अपनी महत्वपूर्ण छवि से एक राजकुमारों की तरह राज किया।।

27 मई 1964 को वे परलोक सिधार गए।

बच्चों से स्नेह रखने के कारण चाचा नेहरु के नाम से प्रसिद्ध हुए।।

भारत सरकार ने उन की सेवाओं के कारण उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया।

उन्होनें भी अपना सारा जीवन देश के लिए अर्पित किया।।

 

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