सिंघासन का दान

किसी नगर में एक राजा रहता था। वह सोचता था कि मुझसे बुद्धिमान और चतुर मेरे नगर में कोई भी इंसान नहीं होगा। वह सोचने लगा कि मैं आम व्यक्ति का वेश धारण करके देखता हूं। वह हर रोज इसी खोज में रहता था कि कोई मुझसे ज्यादा बुद्धिमान है या नहीं। मुझसे बुद्धिमान अगर कोई इंसान होगा तो मैं उसे इस नगर का राजा बना दूंगा। और अपने आप मंत्री बन जाऊंगा। मुझे मालूम है कि मुझसे बुद्धिमान इंसान कोई भी नहीं हो सकता।

एक दिन राजा के दरबार में एक व्यक्ति फरियाद लेकर आया। राजा जी आप न्याय करें मेरी पत्नी कहती है कि तुम ने मेरे साथ शादी तो कर ली मगर तुम मुझसे प्रेम नहीं करते हो। वह बोला नहीं भाग्यवान। मैं तुम्हें कैसे समझाऊँ, कि मैं तुमसे ही प्यार करता हूं। शादी के इतने सालों बाद तुम्हें यह क्या सूझी? वह कहने लगी कि सच सच बताओ तुम्हारा किसी के साथ चक्कर तो नहीं चल रहा है। वह बोला मैं तुम्हें साबित नहीं कर सकता। वह मुझे हर रोज धमकी देती है कि मैं मायके चली जाऊंगी। राजा सोच में पड़ गया कि उसका क्या उत्तर दे? वह अपनी प्रजा से कहता है कि तुम्हारे प्रश्नों के उत्तर मैं 2 दिन बाद तुम्हें बताऊंगा कि क्या करना है? वह हर रोज ढूंढने लगता है कि कोई मेरे सवाल का जवाब दे दे। एक दिन उसे दूर दूर तक टहलते हुए एक नवयुवक दिखाई देता है। वह बोलता है कि तुम कौन हो? वह नवयुवक राजा से कहता है कि मैं तो दूसरे शहर से यहां नौकरी की तलाश में आया हूं। मैं बुद्धिमान हूं। पढ़ा लिखा हूं राजा उसे कहनें लगा पहले मेरे एक प्रश्न का उत्तर दो तब मैं समझूंगा कि तुम बुद्धिमान हो। राजा नें कहा मेरे पास एक व्यक्ति आया कहने लगा मेरी पत्नी कहती है कि तुम मुझसे से प्यार नहीं करते।तुम नें मुझ से शादी तो कर ली। सच सच बताओ तुम्हारा कहीं किसी के साथ चक्र तो नहीं चल रहा है। वह हर रोज मुझे धमकी देती है। मैं मायके चली जाऊंगी। वह नवयुवक बोला कि उस व्यक्ति को अपनी पत्नी को कहना चाहिए कि मायके जाना चाहती है तू चली जा। कल की बजाए आज ही चली जा। मेरा यकीन मानो वह कुछ नहीं करेगी। कुछ दिनों बाद वापस आ जाएगी।उसके पति को कहना होगा कि अगर तुम वहीं रहना चाहती हो तो खुशी से रहो मैं भी तुम्हारे जाने के बाद दूसरी शादी कर लूंगा। वह कुछ नहीं करेगी वह एक सप्ताह बाद वापिस आ जाएगी। थोड़े दिनों बाद वैसे ही हुआ। उस व्यक्ति की पत्नी नें फिर कभी मायके जाने का नाम ही नहीं लिया।

एक दिन फिर इसी तरह एक आदमी फरियाद लेकर राजा के पास आया बोला राजा जी मेरे प्रश्न का उत्तर भी आप ही दें। मेरी पत्नी कहती है कि मेरे मां-बाप को छोड़ दो। अलग चलकर रहो। मैं क्या करूं? अगर मैं अपनी पत्नी की बात नहीं मानता हूं तो वह कहती है कि मैं जहर खा लूंगी। मैं क्या करूं?

राजा फिर उसी नवयुवक के पास गया और बोला कि मेरे इस प्रश्न का उत्तर भी तुम्हीं दो उस नवयुवक ने कहा कि तुम्हें अपनी पत्नी को कहना होगा कि मेरे मां-बाप मुझे बहुत ही प्यार है। तुमसे पहले मुझ पर मेरे मां बाप का हक है। मैं तुम्हें छोड़ सकता हूं लेकिन अपने मां बाप को नहीं छोड़ सकता। तुम्हें कमजोर नहीं बनना है। एक मर्द बन कर अपनी पत्नी का मुकाबला करना है। तुम अगर इसी तरह सोचते रहे, जो पत्नी ऐसा कह सकती है वह कभी भी जिंदगी भर तुम्हारे साथ सुखी नहीं रह सकती। तुम को भी सुखी नहीं रख सकती है, ना ही अपने आप ही सुखी रह सकती है आज तो मां बाप को लेकर तुमसे ऐसा करने को कह रही है कल भगवान ना करे उसे कोई और पसंद आ गया तुम्हारा सब कुछ लेकर चंपत हो जाएगी। तब तुम क्या करोगे। जो औरत इस तरह कह सकती है उस औरत पर तो तुम्हें रति पर भी विश्वास नहीं करना चाहिए। तुम कहो मरती है तो मर जाओ। तुम्हारे जानें के बाद मैं भी दूसरी शादी करके तुमसे भी सुंदर पत्नी लाऊंगा। वह कभी भी नहीं मरेगी। वह अगर बुद्धिमान होगी तो वह तुम्हें छोड़कर कभी भी नहीं जाएगी। तुम्हारा प्यार अगर सच्चा होगा तो वह तुम्हें कभी नहीं छोड़ेगी। तुम्हारे मां बाप के साथ तुम्हें अपना लेगी। तुम अगर आज कमजोर पड़ गए तो फिर कभी भी इस समस्या से बाहर नहीं आ सकते। वह राजा उस नवयुवक के उत्तर से खुश हो गया।

एक दिन फिर से राजा के दरबार में एक व्यक्ति आया और कहने लगा कि आप बहुत ही अच्छा न्याय करते हैं। मैं भी आपके पास एक प्रश्न लेकर बडी़ उमीद से आप के पास आया हूं आशा है आप मेरे भी फरियाद सुनेंगे। वह कहने लगा कि मेरा बेटा बहुत ही शराब पीता है। मैं उसे शराब छोड़ने को कहता हूं तो कहता है कि आप क्यों मुझे शराब छोड़ने को कहते हो। मैं तो कब से शराब पीता हूं। आपने तो मुझे कभी नहीं कहा कि शराब मत पियो आज अचानक यह क्या हुआ? अपनी हमदर्दी अपने पास ही रखो। राजा नें उसी व्यक्ति से प्रश्न पूछा कि वह व्यक्ति क्या करे?

वह व्यक्ति बोला कि तुम्हें पहले कारण पता करना होगा कि वह शराब क्यों पीता है? उस आदमी का पीछा करो। हो सकता है उसे किसी ने धोखा दिया हो। राजा ने उस व्यक्ति के पास जाकर कहा कि तुम पहले यह पता करो कि तुम्हारा बेटा किसी से प्यार तो नहीं करता है
सोमेंश अपने बेटे का पीछा करता है। सचमुच में ही उसका बेटा रमेश रोमा के साथ था। रोमेश उस के साथ मयखानें में बैठा था। वह उसे कह रही थी तुमने अगर शराब पीना नहीं छोड़ा तो मैं किसी और लड़के से शादी कर लूंगी। वह गुस्से में आकर बोला कर लो। जिस से शादी करनी है कर लो।

लड़के का पिता रोमा के पास आकर बोला वह मेरा बेटा है। लडकी बोली आपका बेटा मुझसे प्यार करता है। उसे गलत शक हो गया कि मैं उसे नहीं किसी और को प्यार करती हूं। मुझे पहले ही पता चल गया वह बहुत ही शक्की है। अभी तो शादी भी नहीं हुई मैं शक्की इंसान के साथ शादी कर के अपनी जिंदगी बर्बाद नहीं कर सकती। अच्छा हुआ जो मुझे पहले ही पता चल गया। इस तरह से मुझ पर यह शक करता रहा तो मेरी जिंदगी खराब हो जाएगी। रमेश के पिता को रोमा नें बताया कि मैंने रमेश को कहा कि शक करना छोड़ दो। जिस दिन आप शक करना छोड़ेंगे उसी दिन मैं तुमसे शादी कर लूंगी वह माना नहीं और वह शराब पीने लगा।

राजा मन ही मन में बोला कि मैं उस व्यक्ति से ही इस प्रश्न का उत्तर पूछूँगा। राजा उस व्यक्ति के पास गया। तुम ने ठीक ही कहा था कि लड़की के चक्कर में वह शराब पीने लगा। राजा रोमा को भी वहां ले गया। रोमा को उस व्यक्ति ने कहा कि तुम रमेश के साथ चलकर कहना चलो दोनों मिलकर पीते हैं। उसे बुरा लगेगा। वह शराब को कभी भी हाथ नहीं लगाएगा। उस दिन के बाद उसके बेटे ने कभी भी शराब नहीं पी और रोमा के साथ शादी कर ली।।
सभा खचाखच भरी हुई थी राजा बोला इन तीनों प्रश्नों के उत्तर मैंने नहीं दिए। मुझ से भी बुद्धिमान एक व्यक्ति है जिसने इन सब प्रश्नों के उत्तर दिए। आज से मैं उसको अपनें नगर का राजा नियुक्त करता हूं। मैं समझता था कि मुझसे बुद्धिमान इस नगर में कोई नहीं है मगर मैं गलत था। आज मैंने जाना कि मुझ से भी बुद्धिमान हो इंसान इस दुनिया में मौजूद है। राजा नें अपनें वायदे के मुताबिक उस को ताज पहना कर राजा घोषित कर दिया।

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