रुपाली एक मध्यमवर्गीय मां बाप की बेटी थी। उसने अपनें माता पिता की इच्छा के विरुद्ध अपनें ही कौलिज के एक लड़के को अपना योग्य वर चुना। उसके माता-पिता इस शादी के बहुत खिलाफ थे। इसलिए नहीं कि वह उनकी बिरादरी का नहीं था बल्कि इसलिए क्योंकि उन्हें उस लड़के का चाल चलन और स्वभाव… Continue reading नया जन्म
मेरे देश की माटी
इस देश की माटी है चन्दन,हम नित्य इसको करतें हैं वन्दन।।ग्राम ग्राम तपोवन का है धाम ।सत्य,शाश्वत,परमात्मा का है स्थान।। हर बाला में है सीता।हर बालक में है राम।। अरूणोदय की वेला में सुरज सबसे पहले आए।मधुर स्वरों में पक्षी गूंजन कर चहचहाए।कृषकों कि आवाजाही से खेतों में,हरी भरी फसलें लहराए।। घर घर मन्दिर हैं,मन… Continue reading मेरे देश की माटी
पिकनिक का भरपूर आनन्द
रजत और रिन्की अपने पापा से पिकनिक पर जाने की कितने दिनों से फरमाइश कर रहे थे? उनके माता-पिता अपने बच्चों की फरमाइश को आगे से आगे टालते जा रहे थे। दोनों बच्चे अपने माता-पिता से गुस्सा थे उसके मम्मी पापा ने उन दोनों को समझाया बेटा पिकनिक पर जाना कोई मामूली काम नहीं होता।… Continue reading पिकनिक का भरपूर आनन्द
प्यार की परिभाषा
मुन्नी अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी। बहुत ही चंचल बड़ी बड़ी आंखों वाली ,घुंघराले बाल ,तीखे नैन नक्श ।सलवार कुर्ते में बहुत ही खूबसूरत नजर आती थी ।कपड़े सलिके से पहनती थी। पैरों में फटे जूते होते थे मगर साफ चमचमाते।वह हमेशा उन को धोती थी। उसके पिता गरीब थे। दिल के अमीर थे।… Continue reading प्यार की परिभाषा
आज़ादी का जय घोष
आओ आज़ादी दिवस का जयघोष मिल कर मनाएं । अपनी अपनी दुनिया में न खो कर ,सब एक रस हो जाएं। छोटे और बड़े का भेदभाव भूल कर खुशी से जगमगाएं।। तेरे मेरे कि सोच बाहर फैंक आपस में मैत्री पूर्ण भाव अपनाएं।। भाई बहन,साथी,दोस्त,युवा और वृद्ध जन। कोरोना जैसी बिमारी से छुटकारा पानें का… Continue reading आज़ादी का जय घोष
जीवन का सच्चा ध्येय
जीवन का सच्चा ध्येय यहीसोच विचार कर काम करें सभी।।थमना नहीं,रुकना नहीं,जीवन में तुम कभी थकना नहीं।।"आराम हराम है,काम ही महान है।काम ही महान है"।।जीवन में समय और अनुशासन पालन कर,जीवनका हर क्षण आनन्द ऊठाना।धैर्य,साहस और हिम्मत जुटा ,आगे ही आगे बढ़ते जाना।समस्या, चुनौतियों,और बुरा समय आनें पर भी कभी न तुम डगमगाना।।निराशा छोड़ आशा… Continue reading जीवन का सच्चा ध्येय
स्वप्न से सुन्दर भारत
स्वप्न से सुन्दर भारत एक नए भारत का निर्माण कर सपनों से भी सुंदर बनाना है।उसकी छवि को महका कर और भी कामयाब बनाना है ।।आज जरूरत है ऐसी सकारात्मक सोच कीजो हर व्यक्ति के मन को ऊर्जा से भर दे।नकारात्मकता को छोड़कर सकारात्मकता की ओर मोड़ दे ।।धैर्य साहस और विवेक को मन में… Continue reading स्वप्न से सुन्दर भारत
पावन हो उत्कर्ष हमारा प्रार्थना
हाथ जोड़ कर हम खड़े,प्रभु स्वीकार करो प्रार्थना।आए हैं हम तेरे द्वारे करनें सच्ची अराधना।। नेक राह पर चल कर सदा मुस्कुराएं हम।निंदा,बुराई,छल को त्याग कर सत्य की राह अपनाएं हम।। शांति और पवित्रता का ध्यान मन में जगाएं हम।कुविचारों को त्याग कर संन्मार्ग पर खुशी से चल पाएं हम।। हाथ जोड़ कर हम खड़े… Continue reading पावन हो उत्कर्ष हमारा प्रार्थना
राजा बेटा
अमन आते ही मां पर चिल्लाया मां खाना लाओ, खाना नहीं बना है मां अमन से बोली। तुम कोई काम में मेरी मदद क्यों नहीं करते हो? तुम तो बस बैठे बैठे खाना खाना ही जानते हो। हम जब तुम्हारी उम्र के थे तो सारा काम किया करते थे। अमन बोला मां रहने दो अपना… Continue reading राजा बेटा
लक्ष्मी बाई की वीर गाथा
स्वतंत्रता कि बलिवेदी पर मिटनें वाली वह तो झांसी वाली रानी थी।मणिकर्णिका के नाम से विख्यात , बचपन कि पहचान पुरानी थी।।प्यार से बाबा मनु कह कर उसे बुलाते थे।बाजीराव उसे छबीली कह कर चिढ़ाते थे।।विठूर में मल्लविद्या, घूडसवारी, और शास्त्र विद्याओं को सीख अपनी एक पहचान बनाई।तीर,बर्छी,ढाल कृपाण , तलवार चला कर अपनें हुनर… Continue reading लक्ष्मी बाई की वीर गाथा