कोई अपना सा

गाजियाबाद जाने वाली ट्रेन 2 घंटे लेट थी प्लेटफार्म पर लोगों की बहुत ही भीड़ थी। यात्री एक स्थान से दूसरे स्थान तक इधर उधर ट्रेन पकड़ने के लिए दौड़ रहे थे। एक बच्चा दौड़ता दौड़ता आया बोला आंटी अंकल मुझे बचा लो। उस बच्चे की दर्द भरी पुकार सुनकर आकाश की पत्नी ने उनकी… Continue reading कोई अपना सा

वर्षा आई वर्षा आई

वर्षा आई वर्षा आई। बच्चों के मन को खूब भाई।। काम छोड़कर सारे भागे। मुस्कान लिए अधरों पर, बच्चे भागे।। आसपास पास के बच्चों की टोली भी आई। वर्षा आई वर्षा आई सभी के मन को खूब भाई।। रेल बनाकर दौड़े आए। झूला झूलने सारे आए। बच्चों ने सावन के गीत बनाए। गा गा कर… Continue reading वर्षा आई वर्षा आई

बस्ते का बोझ

रामु जैसे ही स्कूल जाने की तैयारी कर रहा था और मन में सोच रहा था आज वह देरी से स्कूल पहुंचा तो स्कूल में उसकी पिटाई होगी। उसे स्कूल की प्रार्थना सभा में अलग से डैक्स पर खड़ा कर दिया जाएगा और सारा दिन तपती दोपहरी में एक-दो घंटे खड़ा रखा जाएगा। जल्दी से… Continue reading बस्ते का बोझ

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मीठी वाणी

जिससे बोलो हंस कर बोलो। अपने मन में किसी के प्रति जहर ना घोलो।। जब भी बोलो सच सच बोलो। पहले सोचो फिर अपना मुंह खोलो।। सबके चेहरों पर मुस्कुराहट लाओ। ऐसा करने की सबके मन में चाहत जगाओ।। अपने मन में सब के प्रति अपनत्व की भावना जगाओ। अपने मन से अंधकार की मैली… Continue reading मीठी वाणी

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कौवा, लोमड़ी और रोटी

एक लोमड़ी भूखी प्यासी आई पेड़ के नीचे। लगी देखने उस पेड़ को आंखें मींचे मींचे।। पेड़ पर था एक कौवा बैठा। नटखट चुलबुल काला कौवा।। अपनी चोंच में रोटी का टुकड़ा भींचे भींचे। लोमड़ी सोच रही थी मन में, क्यों न इसे बहलाती हूं। इस बेसूरे की तारीफें कर के क्यों न इसे फुसलाती… Continue reading कौवा, लोमड़ी और रोटी

नन्ही चिड़िया

पेड़ों पर चहचहाती चिड़ियां। शाखाओं पर मंडराती चिड़िया।। अपनी चहचाहट से सबके मन को लुभाती चिड़िया। एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर अटखेलियां करती चिड़िया।। अपने मधुर संगीत से सबके मन को हर्षाती चिड़िया एक डाल से दूसरी डाल तक की यूं फुदकती जाती चिड़िया।। सुबह से दोपहर तक एक पंक्ति में इकट्ठे होकर दाना… Continue reading नन्ही चिड़िया

कान्हा

एक गांव की बस्ती में कृष्ण नाम का एक छोटा सा बच्चा रहता था। गांव गांव में दूर-दूर तक लोगों के घरों में चला जाता। गांव वाली औरतों की मटकी को फोड़ देता। उसकी मां एक बहुत ही गरीब परिवार की महिला थी। एक दिन जब उसे घर में दूध पीने को नहीं मिला तो… Continue reading कान्हा