मीठी वाणी

जिससे बोलो हंस कर बोलो।
अपने मन में किसी के प्रति जहर ना घोलो।।

जब भी बोलो सच सच बोलो।
पहले सोचो फिर अपना मुंह खोलो।।
सबके चेहरों पर मुस्कुराहट लाओ।
ऐसा करने की सबके मन में चाहत जगाओ।।
अपने मन में सब के प्रति अपनत्व की भावना जगाओ।
अपने मन से अंधकार की मैली परत को हटाओ।।
दया और कोमलता से सबके दिलों पर मधुरता बरसाओ।

अपने संघर्ष के दम पर जग में अपना नाम कमाओ।।
ऊंचाइयों को छू लेने पर भी अहंकार कभी भी ना मन में लाओ।
एक अच्छे इंसान होने का कर्तव्य तुम अच्छी तरह निभाओ।।
अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाओ।
किसी के प्रति छल कपट की भावना कभी भी मन में ना लाओ।।

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