बुद्धू राम का कारनामा

किसी गांव में एक भोला भाला आदमी रहता था। वह बुधवार को पैदा हुआ था इसलिए उसकी मां ने उसका नाम बुधराम रखा था।  बाद में सब लोग बुद्ध राम न कह कर उसे सब बुद्धू राम बुलाते थे। इतना भोला था कि वह किसी को भी तंग तो क्या करना किसी को भी कुछ… Continue reading बुद्धू राम का कारनामा

ऐ राही चला चल

ए राही अपने पथ पर आगे बढ़ता चल। मत डर। निर्भीक होकर अपना काम करता चल।। पर्वत की तरह स्थिर। वायु की तरह द्रुतगति। झरने की तरह निर्मल बन कर सबके दिलों में अपनी जगह बनाता चल। हर खुशी सब पर लुटाता चल।। दुर्गम पथ पर आगे बढ़ता चल मत डर। निर्भीक होकर अपना काम… Continue reading ऐ राही चला चल

(देवव्रत)

किसी गांव में  नीधी और विधि दो बहने थी। इन दोनों के पति किसी दुर्घटना में मर चुके थे उनके कोई भी बच्चा नहीं था वह चाहती थी कि अगर कोई बच्चा उन्हें गोद मिल जाता तो बहुत ही अच्छा था ।उन्हें गांव के लोगों ने बताया कि  तुम अनाथालय से अपनी इस इच्छा को… Continue reading (देवव्रत)

ईश्वर

एक दिन गोलू अपनी मां की गोद में झूमते हुए बोला मां चलो खेलते हैं उसकी मां अपने बच्चे को को प्यार देना थी क्योंकि वह जानती थी कि मेरा गोलू अपने पापा के प्यार से वंचित रह जाता है ।वह अपने पापा की गोद में बैठना चाहता है । उस बच्चे के पापा के… Continue reading ईश्वर

मार्ग दर्शक

मैं उस समय छठी कक्षा में पढ़ता था। मैं बचपन की यादों में जब झांकता हूं तो मेरे मानस पटल पर बचपन की यादें तरोताजा हो आती हैं ।मैं उसमें इतना भोला नहीं था जितना शक्ल से दिखाई देता था ।मैं और मेरे दोस्त हमेशा कक्षा में पढ़ने के इलावा शरारतें करने में मशहूर थे।… Continue reading मार्ग दर्शक

फूलों की गुफ्तगू

बाग में सारे फूल मिलकर कर रहे थे संवाद। एक दूसरे के साथ  नोकझोंक कर रहे थे विवाद।। गुलाब आगे आकर बोला मैं तो हूं धरती का सबसे सुंदर फूल। मेरे जैसा खुशबु दार कोई और नहीं है फूल।। मेरे फूलों के रस से तरह-तरह के इत्र हैं बनाए जाते। इन सब का उपयोग करके… Continue reading फूलों की गुफ्तगू

भोलू पंडित

किसी गांव में एक बुढ़िया रहती थी उसके एक ही बेटा था उसका नाम था भोलू ।भोलू पढ़ने लिखने में ध्यान नहीं देता था।   वह  किसी की बात ध्यान से   नहीं सुनता था ।अपना काम भी ठीक ढंग से नहीं करता था इसलिए सभी उसे बुद्धू कहकर पुकारते थे।  उसकी मां अपने बेटे के सिर… Continue reading भोलू पंडित

(अब पछतावे होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत)

किसी गांव में रोशनी नाम की एक औरत रहती थी ।वह भिक्षा मांग मांगकर अपना जीवन यापन कर रही थी। वह बहुत ही आलसी थी। वह कभी भी नहीं सोचती थी कि मेहनत करके भी वह अपना पेट भर सकती है। गांव के लोग उसे कहते थे कि तुम्हें भगवान ने काम करने के लिए… Continue reading (अब पछतावे होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत)

बांकू और कालू

किसी जंगल में  हिरणों का  झुंड रहता था। उन हिरणों  के झून्डों में से दो हिरण  एक दूसरे के बहुत ही गहरे मित्र थे। एक का नाम था कालू और दूसरे का नाम था बांकू। बांकू और कालू की दोस्ती देखकर सारे हिरणो को ईर्ष्या होती थी। वह चाहते थे कि इन दोनों की दोस्ती… Continue reading बांकू और कालू

(शेरु और वीरु की दोस्ती)

शेरु अपनें  मालिक संग एक छोटे से घर में था रहता। अपने मालिक के संग रहकर खूब आनंद  से था  जीया  करता।। शेरू हरदम अपने मालिक के आगे पीछे दुम हिलाता जाता था। उसका मालिक भी उसे देखकर प्रसन्नता से फूला नहीं समाता  था शेरु था बहुत ही होशियार। उस से बढ़कर कोई नहीं था… Continue reading (शेरु और वीरु की दोस्ती)