ल‌क्ष्मी बाई की वीर गाथा

स्वतंत्रता कि बलिवेदी पर मिटनें वाली वह तो झांसी वाली रानी थी।मणिकर्णिका के नाम से विख्यात , बचपन कि पहचान पुरानी थी।।प्यार से बाबा मनु कह कर उसे बुलाते थे।बाजीराव उसे छबीली कह कर चिढ़ाते थे।।विठूर में मल्लविद्या, घूडसवारी, और शास्त्र विद्याओं को सीख अपनी एक पहचान बनाई।तीर,बर्छी,ढाल कृपाण , तलवार चला कर अपनें हुनर… Continue reading ल‌क्ष्मी बाई की वीर गाथा

गुरु तोताराम चिटकू और बरगद का पेड़

सुंदरवन में बहुत सारे जीव जंतु रहते थे। उस घने जंगल में एक नदी के पास बरगद का एक बहुत बड़ा वृक्ष था । वहां पर जंगल के जीव जंतुओं ने अपना सभा स्थल बनायाहुआ था। जंगल में सभा के आयोजन के समय जो भी निर्णय लेते थे वह सभी उस वृक्ष के नीचे ही… Continue reading गुरु तोताराम चिटकू और बरगद का पेड़

छम छम आई वर्षा रानी

छमाछम आई वर्षा रानी।रिम झीम पानी कि फ़ुहारें बरसा कर लाई पानी।।मेघों नें भी बारिश का स्वर सुन गरज गरज कर, साथी बादलों को बुला कर आनन्द का बिगुल बजाया।।वर्षा रानी को अपनें साथ नृत्य करनें के लिए बुलाया।।कोयल,मैना,कबूतर,गौरैया,चूं-चूं चिड़िया।सभी पक्षियों नें मधुर संगीत का साज सुनाया।।छमाछम आई वर्षा रानी,रिमझिम पानी कि फुहारें बरसा कर… Continue reading छम छम आई वर्षा रानी

कहा-सुनी

 कक्षा में आते ही मास्टर जी बोले  बच्चों अपना अपना पैन निकालो। अपनी अपनी डफ़ली अपना अपना राग अलाप, श्याम पट पर अनाप शनाप न लिख डालो।। तुम सबको प्रश्न लिखवा आज तुम्हारा  मूल्यांकन  करता हूं। प्रश्न जो हल कर पाएगा उसे पारितोषिक  दिलवा उसका मनोबल बढाता  हूं।। अध्यापक बोले बच्चों मैं   औफिस का… Continue reading कहा-सुनी

वास्तविकता का आभास

सलोनी और नैना दो सहेलियां थी। वह दोनों एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखती थी। माता पिता ने उन्हें सभी सुविधाएं दी थी जो कि एक बच्चे को मिलनी चाहिए। वह दोनों दसवीं कक्षा में आ गई थी। उनके माता-पिता ने उन्हें आगे पढ़ने के लिए दूसरे स्कूल में दाखिल करवा दिया। उनके माता पिता… Continue reading वास्तविकता का आभास