माधवपुर गांव में देवकी अपने पति के साथ हंसी-खुशी जीवन यापन कर रही थी। उसके पति के व्यापार में दिन रात चौगुनी उन्नति हो रही थी। उसका पति एक मेहनती और ईमानदार व्यापारी था। बाहर के लोग भी उसकी बहुत ही प्रशंसा कर रहे थे। विदेशों में भी उसके सामान की प्रशंसा हो रही थी।… Continue reading साहसी देवकी
Month: June 2018
मासूम रिया
रिया और प्रिया दो बहने थी ।दोनों ही चंचल प्रवृत्ति की थी। छोटी का नाम रिया और बड़ी का नाम प्रिया था। प्रिया पढ़ने में बहुत होशियार थी मगर रिया पढ़ने में इतनी तेज नहीं थी ।प्रिया हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम आती थी ।उसके अध्यापक और उसके माता पिता भी उसे बहुत प्यार करते… Continue reading मासूम रिया
सिंघासन का दान
किसी नगर में एक राजा रहता था। वह सोचता था कि मुझसे बुद्धिमान और चतुर मेरे नगर में कोई भी इंसान नहीं होगा। वह सोचने लगा कि मैं आम व्यक्ति का वेश धारण करके देखता हूं। वह हर रोज इसी खोज में रहता था कि कोई मुझसे ज्यादा बुद्धिमान है या नहीं। मुझसे बुद्धिमान अगर… Continue reading सिंघासन का दान
रहस्यमई हवेली
शेरभ बहुत ही शरारती बालक था। एक दिन उसकी मां ने उसे कहा अगर तुम होमवर्क नहीं करोगे तो तुम्हें बहुत ही मार पड़ेगी। शेरभ ने अपनी ममी की बात सुनी अनसुनी कर दी वह चिखते चिखते बोला मां पहले मुझे चॉकलेट दो। वह चॉकलेट के लिए जिद करने लगा। शेरभ की मम्मी ने कहा… Continue reading रहस्यमई हवेली
काली और भूरी बिल्ली
एक छोटी सी बस्ती थी। उस बस्ती के बाहर काले और भूरे रंग की दो बिल्लियां रहती थी। जब भी मिलती आपस में लड़ती। जब काली बिल्ली रोटी प्राप्त करती तो भूरी बिल्ली को उससे इर्ष्या होती। जिस दिन काली बिल्ली को रोटी मिलती उस दिन भूरी को ईर्ष्या होती। दोनों एक दूसरे से रोटी… Continue reading काली और भूरी बिल्ली
मेहनत
एक छोटी सी बस्ती में चीनू अपने मां बाबा के साथ रहता था। वह केवल 5 वर्ष का था और हर एक बात को जानने की जिज्ञासा रखता था। उसकी मां उसे कहती बेटा तेरे कई प्रश्नों के उत्तर तो मेरे पास भी नहीं है। वह जब उसके प्रश्नों के उत्तर नहीं दे पाती तो… Continue reading मेहनत
मुनीम दयाराम
किसी नगर में एक सेठ रहता था। वह बहुत ही कंजूस था। किसी को भी ₹1 तक भी दान में नहीं देता था। उसकी दुकान पर पर अगर कोई मांगने वाला भिखारी भी आता था तो वह सेठ फटकार मार-मार कर उसे भगा दिया करता था। उसने अपनी दुकान पर एक मुनीम रखा था जो… Continue reading मुनीम दयाराम
बचपना
रघु और राघव दो दोस्त थे। रघु देखने में सुंदर चंचल स्वभाव और शरारतें करने में माहिर। राघव शांत और एकदम गंभीर। दोनों एक ही मोहल्ले में रहते थे। रघु अमीर परिवार का बेटा था। राघव एक मध्यमवर्गीय परिवार का। रघु के पिता जाने-माने प्रतिष्ठित व्यापारी थे। रघु और राघव दोनों एक ही स्कूल में… Continue reading बचपना
दहेज का नकाब
अंकित और आशिमा के परिवार में उनकी नन्ही सी बेटी श्वेता और साहिल थे। दोनों ही बच्चे बड़े प्यारे थे। दोनों का बचपन बड़े ही आराम से गुजरा। धीरे-धीरे बचपन की दहलीज को पार करके उन्होंने जवानी में कदम रखा। एक दिन श्वेता अपने पापा की गाड़ी लेकर कॉलेज गई। उनकी गाड़ी एक सेठ के… Continue reading दहेज का नकाब
पिन्कु और जादू की परियां
एक बच्चा था उसका नाम था पिंकू। वह बहुत ही होनहार लड़का था वह हर काम को बहुत होशियारी से किया करता था। एक दिन जब वह स्कूल से आ रहा था तो उसे एक जूता दिखाई दिया। वह इतना चमचम कर रहा था वैसे वह उस जूते को देखकर मोहित हो गया। उसने वह… Continue reading पिन्कु और जादू की परियां