घूमने निकली मैं

निकली मैं शाम को बाग में, मैं शाम को बाग में घुमनें निकली।।चमक रही थी सूरज कि किरणें।सूरज कि किरणें थी चमक रही।।हंसी एकाएक जोर से।जोर से यकायक हंसी।मुझे गिलहरी एक दिखी, बाग के एक ओर।बाग के एक ओर एक गिलहरी दिखीथी बैठी तार का सहारा ले कर।तार का सहारा ले कर थी बैठी।हंसी यकायक… Continue reading घूमने निकली मैं

क्षमा याचना

राजन एक ट्रक ड्राइवर था।उस का तबादला दूसरे कस्बे में हुआ था।रोबीला चेहरा,काफी लम्बा चौड़ा बड़ी बड़ी मूंछों वाला।तीखे नयन नक्स। ट्रक चलानें में माहिर था। उसको कस्बे में आए हुए छ सात महीनें हो चुके थे।काफी ज्यादा संख्या में लोग उससे परिचित हो चुके थे।छोटा सा पहाड़ी इलाका था।वह जंहा भी बैठ जाता लोग… Continue reading क्षमा याचना

नन्हीं चिड़िया की पुकार

नन्ही चिड़िया मां से बोली।मैं हूं तेरी प्यारी भोली।।जल्दी से दाना देखकर मेरी भूख मिटाओ न।कहानी सुनाकर मेरा दिल बहलाओ न।।मां बोली ना कर शैतानी।हर दम करती रहती मनमानी।।नन्ही चिड़िया बोली अभी खेलने जाना है।नन्ही चिड़ियों संग खेल खूब धमाल मचाना है।।मां चिड़िया बोली तेरी एक नहीं चलेगी।तू भी आज मेरे संग दाना चुगने चलेगी।।भोली… Continue reading नन्हीं चिड़िया की पुकार