हे पर्वत राज हिमालय

हे! पर्वत राज हिमालय भारत मां की देवभूमि,गौरव की खान ।विशालता,विस्तृतता,उच्चता की पहचान । उतर में कश्मीर से ले कर पश्चिम में असाम तक फैला हुआ गिरीराज ।साकार,दिव्य विश्वकी सबसे ऊंची चोटी एवरैस्ट चोटी का सरताज।हे पर्वतराज हिमालय तू गुणों की खान ।युगों-युगों से अचल रह कर , करता हर कोई तुम्हारा गाता गुणगान।हे पर्वतराज… Continue reading हे पर्वत राज हिमालय

हौंसलों की उड़ान कविता

कदम बढ़ाए जा कदम बढ़ाए जा विश्वास दिल में थामें तू यूं ही कदम बढ़ाए जा।अंधेरी राह में भी तू ना हौसला खोए जा।।धीरज दिल में थामें तू यूं ही कदम बढ़ाए जा।मुश्किलों में भी तू यूं ही उम्मीदों का दामन थामें जा।।डर कर तूं यूं न अपने कदम पीछे उठाए जा आस का दीपक… Continue reading हौंसलों की उड़ान कविता

आओ सब मिलकर एक हो जाएं हम

आओ हम सब मिलकर एक हो कर गाएं,हम सब मिलकर एक हो कर गाएं। अच्छे काम कर के सभी को दिखाएं।अच्छे काम करके सभी को दिखाएं।नेक काम करके जीवन सफल बनाएं ।। आओ हम सब मिलकर एक हो कर गाएं, ,आओ सब मिल कर गुनगुनाएं।सब मिल कर गाएं,आओ हमसब मिल कर गांए।। इज्जत से हम… Continue reading आओ सब मिलकर एक हो जाएं हम

चींटी

चींटी है इस धरा की नन्हीं सी जीव।संघर्षों से भरी हुई है इस की नींव।।श्रम की साक्षात मूर्ति है कहलाती।मुश्किलों से झूझनें में कमाल है दिखलाती।।यह दिनों में मिलोंमिल है चलती।मकड़ी की तरह यह कभी नहीं है थकती।।कभी भी आराम नहीं है करती।झून्डों में है वास करती,तन्मयता से है संघर्ष करती।।अपनें पथ से कभी भी… Continue reading चींटी

हिन्दी भाषा

अपनी भाषा से न रहो अनजान तुम।हिन्दी को सीखे बिना न रहो बेजान तुम। हिन्दी हमारी राष्ट्रभाषा जन जन को है सुहातीप्रेम का मार्ग प्रशस्त कर, राष्ट्र की उन्नति का मुल आधार है कहलाती।इससे अछूता नहीं है कोई यह तो सभी के मनों को है लुभातीअपनें भावों की अभिव्यक्ति को सरल और सुगम है बनाती।।विभिन्न… Continue reading हिन्दी भाषा