“हे नारी!तुझे शत शत नमन”

सुसभ्य संस्कृति कि नव चेतना का आधार जननी कर्मधात्री, पवित्रता स्वरुपिणी, वात्सलयमयी,ममता का आधार जननी।। सर्वस्व न्योछावर करने वाली, तन मन धन समर्पित करनें वाली।। अपनें हुनर से घर को साज संवारने में निपुणता लानें वाली। अपनी सूझबूझ के दम पर परिवार पर जान छिड़कनें वाली ।। त्याग,तप और सौम्यता कि मूर्ति बन अपनें परिवार… Continue reading “हे नारी!तुझे शत शत नमन”

“दूध का दूध पानी का पानी”

राम प्रसाद नें अपनी तीनों बेटियों की शादी की एक ही शहर में की थी ताकि तीनों वक्त पड़ने पर एक दूसरे के काम आ सके ।उनके पिता नें मरते वक्त अपनी बेटीयों को शिक्षा दी थी कि हर हाल में एक दूसरे की सहायता करनी है। वह अपनी बच्चीयों को खुश देख कर बहुत… Continue reading “दूध का दूध पानी का पानी”

शिक्षा का महत्व भाग 3

ज्ञान तो है अनमोल खजाना। उपलब्धियों का भंडार  सुहाना।। ज्ञान से बढ़ कर नहीं  कोई सानी। इसकि  कीमत  न किस नें जानी।। ज्ञान तो  है अनमोल। इसकी कीमत बेजोड़।। हीरे मोती से ज्यादा कीमती है ज्ञान। इसको अर्जित कर व्यक्ति बनता है महान।। विद्या है व्यक्ति का सर्वश्रेष्ठ सम्मान। चोर भी चुरा कर नहीं कर… Continue reading शिक्षा का महत्व भाग 3

स्वास्थ्य का मूल आधार

सादा जीवन ,सादा भोजन ,उच्च विचार यही तो है मनुष्य की श्रेष्ठता का आधार । यही कहावत व्यक्ति के  स्वास्थ्य जीवन  जीने का "मूल   यथार्थ"। धन गया,कुछ नहीं गया, चरित्र गया कुछ गया। यदि स्वास्थ्य गया तो सब कुछ गया।। तंदुरुस्ती हजार नियामत। यही तो है जीवन को रखता है सलामत।।  पृथ्वी,जल,अग्नि, वायु और… Continue reading स्वास्थ्य का मूल आधार

अंधविश्वास

एक छोटे से गांव में पारो और उसका पति नत्थू रहता था। उनके एक बेटी थी रानी ।रानी को उसके माता पिता बहुत ही प्यार करते थे। वे उसे पढ़ाना चाहते थे ताकि वह पढ़ लिखकर अपने पैरों पर खड़ा हो सके लेकिन रानी इतने लाड प्यार में पली थी कि वह बात बात पर… Continue reading अंधविश्वास

नया जन्म

रुपाली एक मध्यमवर्गीय मां बाप की बेटी थी। उसने अपनें माता पिता की इच्छा के विरुद्ध अपनें ही कौलिज के एक लड़के को अपना योग्य वर चुना। उसके माता-पिता इस शादी के बहुत खिलाफ थे। इसलिए नहीं कि वह उनकी बिरादरी का नहीं था बल्कि इसलिए क्योंकि उन्हें उस लड़के का चाल चलन और स्वभाव… Continue reading नया जन्म