चंदा मामा भाग-२

प्यारे प्यारे चंदा मामा।न्यारे न्यारे चंदा मामा।तुम हो सब के राजदुलारे मामा।मां कहती हैं तुम अपनी किरणों की प्रखरता से सारे जग को चमकाते हो। किरणों की चकाचौंध से सभी के मनों को लुभाते हो।।कभी गोल-मटोल बन कर दिखाते हो।कभी तिरछी कलाओं का जाल दिखाते हो।कभी आधी, कभी पुरी आकृति बनाते हो। आमावस की रात… Continue reading चंदा मामा भाग-२

परमार्थ

मिट्टी का माधो बनकर तू एक दिन रह जाएगा।  बुराइयों के दलदल में पड़ कर बचाखुचा समय यूं व्यर्थ गंवाएगा।। मानव जीवन है अनमोल।  सच्चाई से बढ़कर नहीं है इसका तोल।।  झूठ के बल पर तू कब तक मुकाम हासिल कर पाएगा?।  जिंदगी में सदा अकेला होकर फिर तू पछताएगा ।  जीवन में जिन को… Continue reading परमार्थ

मधुर वचन

कुटिल वचन न बोलिए, जो सब का मन दुखाए। मीठे वचन अति लुभावने। जो सब को  सुहाए।। गोविन्द गोविन्द रटते रहो,जब तक मुंह में जुबान। भवसागर से तर जाएगा जब निकलेंगें प्राण।। माया है सब से बुरी,इससे हमेशा रखो दुरी। प्यार,ममता,स्नेह और विश्वास से प्रभु की पकड़े रखो डोरी।। विवेक से उत्पन्न होए प्रेम की… Continue reading मधुर वचन