मौसम

मां बोली तुम्हें आज मौसम के बारे में बतलाती हूं। तुम्हारा ज्ञान बढ़ाकर मनोरंजन करवाती हूं ।। एक  वर्ष में मौसम है चार। आओ इन के बारे में चिन्तन मनन कर के करें विचार।। गर्मी सर्दी पतझड़ और बरसात। इनके सामने इन्सान कि क्या है बिसात।।  यह मौसम बारी-बारी से हैं आते।  फरवरी मार्च-अप्रैल और… Continue reading मौसम

स्वच्छंदता से मुस्कुरानें दो।

स्वच्छंदता से मुस्कुरानें दो। बचपन के अद्भुत क्षणों का आनन्द उठानें दो। मां मुझे खेल खेलनें जानें दो। खेल खेलनें जानें दो।। रोक टोक छोड़ छाड़ कर , सपनों के हिंडोलों  में खो जानें दो। मन्द मन्द मुस्कान होंठों पर आने दो।। मुझे पर काम का बोझ मत बढ़ाओ। पढाई में अभी से मत उलझाओ।।… Continue reading स्वच्छंदता से मुस्कुरानें दो।