भूल का परिणाम

खेतों की मेड़ पर और नदी के किनारे था हर रोज उसका आना-जाना।गांव की गली गली के कूचे ही थे उसका आशियाना।।आज सुबह सुबह ही तो वह नदी के किनारे था आया।सुनहरी धूप और पानी की कल कल का उसने भरपूर आनन्द उठाया।।अपनी पूंछ को हिला हिला कर खुशी से था भर्माया।पक्षियों के अन्डों को… Continue reading भूल का परिणाम

गाय माता

गाय जगत माता कामधेनु है कहलाती।गाय की सेवा घरों में खुशहाली को बढ़ाती।। धर्म,अर्थ,मोक्ष का आधार है गौ माता।।सकल जग उदधारिणी है गौ माता।समन सकल भव रोग हारिणी है गौ माता।।पृथ्वी पर रहनें वाले जीवों से करती है प्यार।हर प्राणी,जीवों पर इसके हैं असंख्य उपकार।।गाय की सेवा,पालन पोषण करना है धर्म हमारा।इस से बढ़ कर… Continue reading गाय माता

प्रार्थना

सुबह सवेरे ले कर तेरा नाम प्रभु।करते हैं शुरुआत आज का काम प्रभु।।पढ़ाई में हमेशा ध्यान लगाएं हम।मेहनत से ही अच्छे अंक पाएं हम।मेहनत से ही अच्छे अंक पाएं हम।।सुबह सवेरे ले कर तेरा नाम प्रभु।करते हैं शुरुआत आज का काम प्रभु ।।कक्षा में कभी जी न चुराएं‌ हम।सच्चाई को ही हमेशा अपनाएं हम।सच्चाई को… Continue reading प्रार्थना

गुरु तोताराम चिटकू और बरगद का पेड़

सुंदरवन में बहुत सारे जीव जंतु रहते थे। उस घने जंगल में एक नदी के पास बरगद का एक बहुत बड़ा वृक्ष था । वहां पर जंगल के जीव जंतुओं ने अपना सभा स्थल बनायाहुआ था। जंगल में सभा के आयोजन के समय जो भी निर्णय लेते थे वह सभी उस वृक्ष के नीचे ही… Continue reading गुरु तोताराम चिटकू और बरगद का पेड़

वास्तविकता का आभास

सलोनी और नैना दो सहेलियां थी। वह दोनों एक मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखती थी। माता पिता ने उन्हें सभी सुविधाएं दी थी जो कि एक बच्चे को मिलनी चाहिए। वह दोनों दसवीं कक्षा में आ गई थी। उनके माता-पिता ने उन्हें आगे पढ़ने के लिए दूसरे स्कूल में दाखिल करवा दिया। उनके माता पिता… Continue reading वास्तविकता का आभास

प्रथम पाठशाला परिवार

सबसे बड़ा विद्यालय है परिवार हमारा । परिवार के सदस्य शिक्षक बनकर संवारतें हैं भविष्य हमारा जिंदगी की पाठशाला में माता शिक्षक है बन जाती । प्यार दुलार व डांट फटकार लगाकर हर बात है समझाती ।। जिम्मेदारी का अहसास ,अनुशासन का पाठ, सम्मान का पाठ भी है सिखलाती। गुरु व माता बनकर अच्छे संस्कारों… Continue reading प्रथम पाठशाला परिवार