खेतों की मेड़ पर और नदी के किनारे था हर रोज उसका आना-जाना।गांव की गली गली के कूचे ही थे उसका आशियाना।।आज सुबह सुबह ही तो वह नदी के किनारे था आया।सुनहरी धूप और पानी की कल कल का उसने भरपूर आनन्द उठाया।।अपनी पूंछ को हिला हिला कर खुशी से था भर्माया।पक्षियों के अन्डों को… Continue reading भूल का परिणाम
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जैकी और उसके दोस्त
पूंछ हिलाता जैकी आया । आकर अपने दोस्तों को बुलवाया।। जैकी बोला चूहे भाई चूहे भाई इधर तो आओ। मुझसे हमदर्दी तो जताओ।। चूहा बोला जैकी भाई जैकी भाई तुमने मुझे यहां क्यों बुलाया? क्या तुम्हें किसी ने धमकाया? जैकी बोला भाई मेरे सभी दोस्तों को बुलाओ । जल्दी से मालिक की सहायता के लिए… Continue reading जैकी और उसके दोस्त