छम छम आई वर्षा रानी

छमाछम आई वर्षा रानी।
रिम झीम पानी कि फ़ुहारें बरसा कर लाई पानी।।
मेघों नें भी बारिश का स्वर सुन गरज गरज कर,
साथी बादलों को बुला कर आनन्द का बिगुल बजाया।।
वर्षा रानी को अपनें साथ नृत्य करनें के लिए बुलाया।।
कोयल,मैना,कबूतर,गौरैया,चूं-चूं चिड़िया।
सभी पक्षियों नें मधुर संगीत का साज सुनाया।।
छमाछम आई वर्षा रानी,
रिमझिम पानी कि फुहारें बरसा कर लाई पानी।।


पपीहे,चातक,कोयल ,मैना,कौवे,दादूर।
सभी के सभी वर्षा में भीग भीग कर नृत्य करनें को हुए आतुर।।
मोरनी नें अपने सुन्दर पंखों को हिला कर नृत्य कर दिखलाया।
वृक्षों नें भी आत्मविभोर हो कर अपनें पतों को हिला हिला कर वर्षा का अद्भुत आनन्द उठाया।
सूरज नें भी अपनें वेग कि गति को शीथिल कर सभी को खुशी से हर्षाया।।
उन कि खुशी में शरीक हो कर अपने बादलों को और भी फैलाया।।
छमाछम आई वर्षा रानी,
रिमझिम पानी कि फुहारें बरसा कर लाई पानी।।

बच्चों नें कीचड़ में खेल खेल कर सड़कों पर अपना पहरा जमाया।
आनें जानें वाले राहगीरों पर भी पानी फैंक फैंक कर उन्हें भी खुब हंसाया।
उन को भी अपनी अनौखे अंदाज से खेलनें के लिए ललचाया।।
पढ़ाई से बोरियत महसूस कर रहे बच्चों को भी खुले आंगन में खेलनें के लिए बुलाया।।
बच्चों नें धमा-चौकड़ी मचा कर वर्षा में भीग भीग कर नाव चला कर
वर्षा रानी का स्वागत कर उन्हें और भी रिझाया।।

मां नें कचौरी,पुरी हलवा खिला कर, सभी दोस्तों को ले कर अपने घर खुब जश्न मनाया।
बच्चों नें चुटकुला,इन्ताक्षरी सुना सुना कर सभी को रिझाया।।
छमाछम आई वर्षा रानी, रिमझिम पानी कि फुहारें बरसा कर लाई पानी।।

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