वनस्पति वैज्ञानिक हितेश

एक बच्चा था उसका नाम था। हितेश। वह बहुत ही शरारती था ।  वह प्रकृति की गोद में अर्थात् जंगल में पैदा हुआ था । हितेश की नानी ने उसके पापा को कहा था कि सविता मेरे ही घर पर बच्चे को जन्म दे गी। तुम इसको वहां पर छोड़ देना अभी हितेश के पैदा… Continue reading वनस्पति वैज्ञानिक हितेश

हाय! रे मानव”(कविता)

10/3/2019 वह दिन भी थे कितनें प्यारे। गांव में थे हरे भरे खेत हमारे।। खेतों में अब चारों ओर बन गए मकान। खेत हो गए बिल्कुल उजाड़ समान।। बच्चे जहां खलियान में सुबह से शाम तक धमा चौकड़ी मचाते थे। सारा दिन खेल खेल कर नहीं उकताते थे।। खलिहानों में भी  अब तो बन गए… Continue reading हाय! रे मानव”(कविता)