ईमानदार बंजारा

बंजारों की एक छोटी सी बस्ती थी। उन बंजारों का मुखिया था रामप्रसाद। रामप्रसाद को उन्होंने मुखिया पद से हटा दिया था। वह अपने बेटे के साथ अलग से रहता था। राम प्रसाद की पत्नी मर चुकी थी। उसनें अपनें बेटे का  नाम  विवेक रखा था। प्यार से वह अपने बेटे को  विकु बुलाया करता… Continue reading ईमानदार बंजारा