ऐ राही चला चल

ए राही अपने पथ पर आगे बढ़ता चल। मत डर। निर्भीक होकर अपना काम करता चल।। पर्वत की तरह स्थिर। वायु की तरह द्रुतगति। झरने की तरह निर्मल बन कर सबके दिलों में अपनी जगह बनाता चल। हर खुशी सब पर लुटाता चल।। दुर्गम पथ पर आगे बढ़ता चल मत डर। निर्भीक होकर अपना काम… Continue reading ऐ राही चला चल

(देवव्रत)

किसी गांव में  नीधी और विधि दो बहने थी। इन दोनों के पति किसी दुर्घटना में मर चुके थे उनके कोई भी बच्चा नहीं था वह चाहती थी कि अगर कोई बच्चा उन्हें गोद मिल जाता तो बहुत ही अच्छा था ।उन्हें गांव के लोगों ने बताया कि  तुम अनाथालय से अपनी इस इच्छा को… Continue reading (देवव्रत)