ईश्वर

एक दिन गोलू अपनी मां की गोद में झूमते हुए बोला मां चलो खेलते हैं उसकी मां अपने बच्चे को को प्यार देना थी क्योंकि वह जानती थी कि मेरा गोलू अपने पापा के प्यार से वंचित रह जाता है ।वह अपने पापा की गोद में बैठना चाहता है । उस बच्चे के पापा के… Continue reading ईश्वर

मार्ग दर्शक

मैं उस समय छठी कक्षा में पढ़ता था। मैं बचपन की यादों में जब झांकता हूं तो मेरे मानस पटल पर बचपन की यादें तरोताजा हो आती हैं ।मैं उसमें इतना भोला नहीं था जितना शक्ल से दिखाई देता था ।मैं और मेरे दोस्त हमेशा कक्षा में पढ़ने के इलावा शरारतें करने में मशहूर थे।… Continue reading मार्ग दर्शक