एक थी बिल्ली मुन्नी रानी। दूजी थी एक टुन्नी रानी।। दोनों ने की मिलकर चोरी। लाई कहीं से एक कचौरी।। मुन्नी कहती सारी लूंगी। टुन्नी कहती आधी दूंगी।। दोनों में फिर हुई लड़ाई। हाथापाई मार कुटाई।। देख रहा था दूर से बंदर। नटखट पूरा एक मछंदर।। मौका पाकर दौड़ा आया। मुन्नी चुन्नी को धमकाया।। भाग… Continue reading दो बिल्लियों की लड़ाई
विचारधारा
रूपेश का तबादला एक छोटे से गांव में हुआ था। वह पेशे से एक अध्यापक था। उसके सहकर्मियों ने उससे शादी की बात चलाई कि हमने तुम्हारे लिए एक लड़की देखी है। वह लड़की इसी शहर अहमदाबाद में रहती है। तुम्हें विन्नी से शादी करने में कोई एतराज तो नहीं। उस लड़की के पिताजी भी… Continue reading विचारधारा
अमूल्य उपहार
शेरू कुछ दिनों के लिए शहर से अपनी मालकिन के साथ गांव आया था। वहां पर उसकी मुलाकात एक गांव में रहने वाले कुते वीरू के साथ हो गई। वह अपनी पूंछ हिला हिला कर अपनी मालकिन को चकमा देकर चुपचाप अपने दोस्त वीरू के साथ खेलने खेलने चला जाता। बड़ी-बड़ी आंखें भूरी आंखों वाला… Continue reading अमूल्य उपहार
जैसी करनी वैसी भरनी
किसी गांव में एक ठग और एक चोर रहता था। चोर का नाम था रूपदास और ठग का नाम था धर्मदास। एक बार उस ठग नें चोर को देख लिया। ठग सोचने लगा कि क्या ही अच्छा होता वह चोरी कर के लाए और मैं इससे सब कुछ ठग लिया करूं? उसको हर रोज चोरी… Continue reading जैसी करनी वैसी भरनी
कौवी की सूझबूझ
एक नदी के किनारे पर बहुत दूर से एक संपेरा सांप पकड़ने आया हुआ था। उस संपेरे नें तालाब पर खाना खाया पानी पिया। उसे वहां पर तभी एक सांप आता दिखाई दिया। उसने सांप को पकड़ने के लिए जैसे ही वह उछला पानी के दलदल में वह नीचे गिर गया। उस ने सांप को… Continue reading कौवी की सूझबूझ
सच्चा न्याय
बहुत पुरानी बात है कि एक छोटे से राज्य में एक राजा रहता था। वह राजा बहुत ही निर्दयी था। वह अपनी प्रजा को बहुत ही तंग करता था। लोग उसकी बात नहीं मानते थे तो वह अपनी प्रजा के लोगों के साथ बूरा बर्ताव करता था। राजा का एक मंत्री था। मंत्री भी उसी… Continue reading सच्चा न्याय
संस्कार
मान्या 12वीं कक्षा की छात्रा थी। वह दौड़ते दौड़ते अपने पापा के पास आकर बोली पापा पापा। उसके पापा उसे हैरान होकर देख रहे थे। वह बोली पापा मैं आपसे कुछ कहना चाहती हूं। वह बोले बेटी बोलो। क्या कहना चाहती हो? , वह बोली पापा हमारे पास सब कुछ है। मैं चाहती हूं आप… Continue reading संस्कार
तीन जासूस
आरुषि अर्चना और अभि तीनों पक्के दोस्त थे उनकी दोस्ती इतनी मशहूर थी कि वह अपने कस्बे में भी अपनी जासूसी के कारण अलग ही पहचाने जाते थे। उनके कस्बे में आए दिन किसी ना किसी बच्चे को मारा जाना या बच्चों के नर कंकाल मिलना तो एक आम बात थी। पुलिस कभी पता नहीं… Continue reading तीन जासूस
हमशक्ल
चीनू को उसकी मम्मी ने हॉस्टल में दाखिल करवा दिया था क्योंकि वह घर में ज्यादा पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पाती थी। उसकी मम्मी ने इसलिए दाखिल करवाया था ताकि वह अपना पूरा ध्यान अपनी पढ़ाई में केंद्रित करें। घर पर उसे पढ़ाना मुश्किल था। वह आगे हॉस्टल से कोचिंग भी ले रही थी।… Continue reading हमशक्ल
कौवे और लोमड़ी की सूझबूझ
एक पेड़ की डाल पर पर बहुत से कौवे हुए रहते थे। उस पर पर उनके छोटे-छोटे बच्चे भी रहते थे। पास ही वृक्ष की खोल में बहुत सारे कबूतर भी रहते थे। कौवे हर रोज अपने बच्चों के लिए दाना रखकर जाते थे। उन को दाना रखते हुए एक लोमड़ी देखा करती थी। वह… Continue reading कौवे और लोमड़ी की सूझबूझ