घर का भेदी लंका ढाए

हमारे घर का प्रत्येक सामान आज हम से कुछ कह रहा।अपनी दुर्गति पर है ठहाका लगा कर हंस रहा।।आजकल घर में मीठी मीठी सुगंध है छा रही।बच्चों कि चुलबुलाहट से है खिला-खिला रही।।सोफ़ा सैट भी यूं अपनी दास्तां सुना रहा।मुझ पर कुदाकुदी का दौर आजकल है छा रहा।। झाड़ू बोला तुम तो कठोर वस्तु के… Continue reading घर का भेदी लंका ढाए

प्रकृति से प्यार करना सीखो।

प्रकृति ने ही हमें कण कण में परोपकार करना सिखाया।उस की गोद में खेल खेल कर हम सब नें अपना बचपन बिताया।अपनें बचपन के क्षणों का अद्भुत आनन्द उठाया।।प्रकृति कि खुबसुरती को निहार मंत्र मुग्ध हो जाऊं।।पौधों को खिलता देख कर के मैं शुद्ध वातावरण में रम जाऊं।प्रकृति से जुड़ी हर चीज से जीवन में… Continue reading प्रकृति से प्यार करना सीखो।

हृदय परिवर्तन

राहुल का रिपोर्ट कार्ड देख कर आयुक्ता चौंक कर पीछे हट गई।उसका बेटा चार विषयों में फेल था।ऐसा नहीं था कि राहुल पढ़नें में होशियार नहीं था।उसे समझ तो सब कछ आता था मगर वह पढ़ा हुआ याद नहीं करता था।उसके घर का माहौल ठीक नहीं था।मां आयुक्ता को पार्टी और क्लबों से ही फुर्सत… Continue reading हृदय परिवर्तन

अनमोल खजाना

एक छोटा सा कस्बा था ,जहां की आबादी ज्यादा नहीं थी ।उस कस्बे में दो दोस्त रहते थे। रामू और श्यामू। रामू अपने दोस्त शाम को बहुत ही प्यार करता था ।उन दोनों के घर पास पास ही थे।रामू जब भी कुछ काम धंधा करता श्याम को बता दिया करता था। रामू की कपड़े की… Continue reading अनमोल खजाना

खोटा सिक्का

गट्टू एक गरीब लड़का था। उसकी मां एक झोपड़ी में रहती थी। गट्टू जब भी स्कूल से घर आता तो रास्ते में मस्ती करते करते घर पहुंचता था । उसके सारे दोस्त घर पहुंच जाते मगर वह तो मानोअपनी ही धुन में चलता हुआ इधर-उधर नजाराे़ को देखता हुआ रास्ते में कंचे खेलने लग जाता… Continue reading खोटा सिक्का

मेरी प्यारी बुलबुल

‌ आओ मेरे पास आओ मेरी प्यारी बुलबुल।रानी भैया से बोली हम खेल खेलेंगे मिलजुल।।बुलबुल रानी बुलबुल रानी,तुम तो लगती हो कोई महारानी।भूरे और काले रंग वाली, तुम्हारी उड़ान भी है अजब मस्तानी।। बुल बुल रानी बुलबुल रानी ,तुम हमें क्यो सताती हो?तेज आवाज कि ध्वनि से क्या तुम हमें डराती हो?हमें देख पीपल या… Continue reading मेरी प्यारी बुलबुल

अम्बे मां

अम्बे मैया तुझे प्रणाम, तुझे प्रणाम,तुझे प्रणाम।स्नेह सुधा बरसाने वाली,सभी जनों के कष्ट मिटानी वाली।जीवन को समृद्ध बनाने वाली,तुझे प्रणाम,तुझे प्रणाम।। भक्ति भाव का आवेश जगानें वाली,अपनी दया-दृष्टि से सुख समृद्धि शांति बरसाने वाली।।काम क्रोध,लोभ, अहंकार को मिटानें वाली।।पूर्व पापों से छुटकारा दिलानें वाली।अम्बे मैया तुझे प्रणाम ,तुझे प्रणाम,तुझे प्रणाम।।अपनी ममता सभी जनों पर एक… Continue reading अम्बे मां

प्रौढ़ व्यक्तियों के जीवन को खुशहाल बनाएं

आओ साक्षारता अभियान को सफल कर प्रौढ़ व्यक्तियों के जीवन में एक नया उत्साह जगाएं।शिक्षा के प्रति रुचि जागृत कर, उन में प्रकाश का दीपक जलाएं।। आओ घर घर जाकर उन्हें पढानें का सन्देश ,हर कस्बे गली, मोहल्ले में फैलाएं।उन्हें साक्षर कर अपने मन में खुशी का एहसास लाएं।।‌झुग्गी झोंपड़ी वालों को भी आगे ला… Continue reading प्रौढ़ व्यक्तियों के जीवन को खुशहाल बनाएं

श्यामपट्ट

सारा चेहरा मेरा काला है। दिल मेरा मतवाला है। शिक्षकों को लुभाता हूं। जल्दी जल्दी अपने ऊपर चौक चलाता हूं।। काला रंग है मेरी शान।सब को देता हूं मैं विद्या का ज्ञान। शिक्षक मुझ से लेते हैं काम। चाक से लिख लिख कर बच्चों को देतें है शिक्षा का ज्ञान।। बच्चों को अपनें पास बुलाता… Continue reading श्यामपट्ट

आपसी मेलजोल कविता

रानी और रज्जु गुड़िया के पीछे थे झगड़ रहे।वे एक दूसरे को गुस्से से थे अकड़ रहे।।रानी बोली तुम अपने खिलौनों से खेलो खेल।मुझ से झगड़ कर न रखो कोई मेल।। मां ने आ कर रानी और रज्जु को धमकाया।एक दुसरे को प्यार से खेलनें के लिए मनवाया।।रानी बोली वह हर वक्त मुझे से है… Continue reading आपसी मेलजोल कविता