“वैभव और सम्पन्नता का प्रतीक है दीपावली। राष्ट्र और समाज के प्राण का प्रतीक है दीपावली।। उज्ज्वलता और स्वच्छता का आवरण पहने हुए, घरों में जगमगाते दीपों के प्रकाश का त्योहार है दीपावली।।,, दीपावली कार्तिक मास की आमावस्या को है मनाई जाती। हर घर घर में खुशी भरी लहर है छाई रहती।। जीवन की… Continue reading दीपावली ( कविता)
Category: Stories
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शन्नो चाची
शन्नो चाची को सुल्तान पूर गांव में आए हुए छःसाल हो चुके थे। किसी को मालूम नहीं था कि शन्नों चाची कहां से आई? उन्होंने भी अपना परिचय किसी को नहीं दिया था कि वह कौन है? कहां से आई है।? उनको देखकर ऐसा लगता था मानो साक्षात् देवी हो। अपने मधुर व्यवहार से सबको… Continue reading शन्नो चाची
हॉस्टल और कॉलिज की मधुर यादें
दसवीं की परीक्षा के बाद परिणाम निकलने की उत्सुकता हरदम बनी रहती थी। इस बार अच्छे अंक आए तो ममी- पापा मुझे कॉलिज और हौस्टल में प्रवेश दिलाना चाहते थे। अपने मन में हौस्टल का सपना संजोए जल्दी से परिणाम निकलनें का इन्तजार करनें लगी। मुझे पता ही था कि मैं अच्छे अंक ले कर… Continue reading हॉस्टल और कॉलिज की मधुर यादें
अभिलाषा
एक छोटे से गांव में देवी शरण और उसकी पत्नी माधवी अपने बेटे साहिल के साथ रहते थे। वह मध्यम वर्गीय परिवार से संबंध रखते थे। उनका बेटा साहिल उनके घर के समीप ही गवर्नमेंट स्कूल में पढ़ता था।। माता-पिता अपने बच्चे के भविष्य को लेकर बहुत ही सतर्क थे। उन्होंने अपने बेटे को डॉक्टर… Continue reading अभिलाषा
भिखारी
मैं जब भी सुबह सुबह कार्यालय से निकलती तो रेलवे प्लेटफॉर्म पर और बस स्टैंड पर भिखारियों को देखा करती। पटरियों पर एक तरफ सिकुडते हुए छोटे बच्चों को फटे वस्त्रों और नंगे पैरों से इधर उधर भागते हुए देखकर मेरी रूह कांप जाती और सोचती यह बेचारे छोटे-छोटे बच्चे इनका बचपन इस तरह क्यों… Continue reading भिखारी
हिरन और बंदर की सूझबूझ
किसी जंगल में एक शेर रहता था। वह जंगल का राजा था ।वह जानवरों को मारकर खा जाया करता था। सभी जीव-जंतु अपने राजा के अत्याचारों से तंग आ चुके थे। एक बार शेर ने सभी जीव जंतुओं को बुलाकर सभा बुलाई और कहा कि अगर तुम मुझे हर रोज एक जानवर या प्राणी मुझे… Continue reading हिरन और बंदर की सूझबूझ
डैनियल और चम्पू
एक घना जंगल था। उस जंगल में बीचो-बीच चट्टानों को तोड़ कर एक गुफा बनी हुई थी। यह गुफा इतनी लंबी चौड़ी थी कि उस गुफा मे अंदर जाने का रास्ता पैदल चल कर तय करना पड़ता था। इस गुफा में एक राक्षस अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहता था। एक दिन राक्षस कहीं… Continue reading डैनियल और चम्पू
दुष्ट जादूगर
यह कहानी बहुत वर्ष पुरानी है दो दोस्त थे सलिल और पुनीत। सलील के पिता आदिवासी थे उन दोनों में इतनी गहरी दोस्ती थी ऐसा लगता था कि उन दोनों का पुनर्जन्म का संबंध हो ।सलिल नटखट शरारतों से भरपूर और पुनीत एक दम शांत और गंभीर स्वभाव का था वक्त पड़ने पर एकदम दोनों… Continue reading दुष्ट जादूगर
कौवों की सूझबूझ
एक घना जंगल था। उसमें बहुत सारे पशु पक्षी रहते थे। पास में ही पेड़ पर बहुत सारे बंदर रहते थे। उन बंदरों में से एक बंदर बहुत ही शातिर था। वह उन सब बंदरों का लीडर था। वह उन पर रोब झाडता रहता था। सारे के सारे बंदर इधर-उधर उछल कूद कर मंडराते रहते।… Continue reading कौवों की सूझबूझ
जादुई बावड़ी
एक बच्चा था दीनू। वह अपनी मां का लाडला था। उसकी मां खेतीबाड़ी करती पशुओं के देखरेख करती उन्हें चराने को लेकर जाती। दीनू अपनी मां से हर रोज नई नई कहानियां सुनता था। कभी राक्षस की, कभी राजा रानी की, कभी परियों की, जब तक उसकी मां उसे कहानी नहीं सुना लेती थी उसका… Continue reading जादुई बावड़ी