गुमराह भाग(2)

दिव्यांश अपने माता पिता के साथ एक छोटे  से कस्बे में रहता था। उसके माता पिता के पास गाड़ी थी बंगला था और जिंदगी की सभी ठाट बाट थे जो कि एक धनाढ्य व्यक्ति के पास होते हैं। इतना सब कुछ होते हुए भी दिव्यांश के माता पिता अपने बेटे की आदतों से परेशान थे।… Continue reading गुमराह भाग(2)

(मौनी बाबा और नन्हे जासूस)

यह कहानी उन लोगों की है। जिन लोगों के पास घर नहीं थे वह झुग्गी-झोपड़ियों में रहते थे। इन्हीं झुग्गी-झोपड़ियों में एक बहुत ही प्यारा सा बच्चा था  चेतन। वह फटी हुई कमीज बाल बिखरे हुए दौड़ता दौड़ता हर रोज भागकर एक कुटिया के पास जाकर रुक जाता था। वहां पर एक बाबा जी को… Continue reading (मौनी बाबा और नन्हे जासूस)

पश्चाताप

चीनू बहुत ही शरारती लड़का था। वह एक दिन स्कूल से जब घर आया तो उसकी मां ने देखा कि तीन-चार दिनों से चीनु बहुत ही उदास था। वह कोई भी शरारत नहीं कर रहा था। एक दम शांत  गम्भीर अपने बेटे को बिल्कुल शांत और मौन देखकर चीनू की मम्मी से रहा नहीं गया… Continue reading पश्चाताप

एहसास भाग(1)

स्कूल की घंटी जैसे ही बजी सभी बच्चे अपनी अपनी कक्षाओं में भागे। मैडम अंजली बच्चों को कक्षा में समय पर ना आने के लिए हमेशा डांट दिया करती थी। उन  अध्यापिका से सभी बच्चे डरते थे।  जब भी वह कक्षा में आती शांत सा वातावरण कक्षा में छा जाता। उन का खौफनाक चेहरा बच्चों… Continue reading एहसास भाग(1)

जन्म दिन का उपहार

निक्कू आज बेहद खुश था। क्योंकि आज 23 मार्च को उसका जन्मदिन आने वाला था। वह अपने जन्मदिन के उपहार का बड़ी बेसब्री से इंतजार कर रहा था। आज उसके मम्मी पापा ने देखा उनका बेटा खुश नजर नहीं आ रहा था इससे पहले कि वह उनसे कुछ कहे  वही बोल पड़े बेटा क्या बात… Continue reading जन्म दिन का उपहार

(एहसास भाग(2)

बहुत समय पहले की बात है किसी गांव में  एक ब्राहमण  और उसकी पत्नी रहते थे। उनके एक बेटा था चंदू। उसके पिता पेशे  से अध्यापक थे। वह अपने बेटे को अच्छे संस्कार देना चाहते थे। उसे अच्छा  इंसान बनाना चाहते थे। उनका अपना एक छोटा सा मकान था  जिसमें वह अपनी पत्नी निर्मला के… Continue reading (एहसास भाग(2)