पावन हो उत्कर्ष हमारा प्रार्थना

हाथ जोड़ कर हम खड़े,प्रभु स्वीकार करो प्रार्थना।
आए हैं हम तेरे द्वारे करनें सच्ची अराधना।।


नेक राह पर चल कर सदा मुस्कुराएं हम।
निंदा,बुराई,छल को त्याग कर सत्य की राह अपनाएं हम।।


शांति और पवित्रता का ध्यान मन में जगाएं हम।
कुविचारों को त्याग कर संन्मार्ग पर खुशी से चल पाएं हम।।


हाथ जोड़ कर हम खड़े प्रभु स्वीकार करो प्रार्थना।
आए हैं हम तेरे द्वारे करनें सच्ची अराधना।।


जग का कल्याण हो, ऐसी सोच मन में जगाएं हम।
परहित का ध्यान सब से पहले मन में लाएं हम।।


हाथ जोड़ कर हम खड़े , प्रभु स्वीकार करो प्रार्थना।
आए हैं तेरे द्वारे करनें सच्ची अराधना।।


वैर भाव को छोड़ कर ,पढ़ाई में ध्यान अपना लगाएं हम।
अपनें गुरुजनों और बड़ों का सम्मान कर अपना जीवन सफल बनाएं हम।।


हाथ जोड़ कर हम खड़े प्रभु स्वीकार करो प्रार्थना।
आएं हैं हम तेरे द्वारे करनें सच्ची अराधना।।


कर्तव्य पथ खड़े रह कर भी कभी न डगमगाए हम।
मुश्किलों से हार कर भी कदम कभी पिछे न हटाएं हम।।


शत्रु भी आए सामने तो ,उस से भी लड़ जाएं हम।
दे कर अपनी जान भी अपने देश का मान बढ़ाएं हम।।


हाथ जोड़ कर हम खड़े प्रभु स्वीकार करो प्रार्थना।
आए हैं हम तेरे द्वारे पे करनें सच्ची अराधना।।