मेरे देश की माटी

इस देश की माटी है चन्दन,हम नित्य इसको करतें हैं वन्दन।।ग्राम ग्राम तपोवन का है धाम ।सत्य,शाश्वत,परमात्मा का है स्थान।। हर बाला में है सीता।हर बालक में है राम।। अरूणोदय की वेला में सुरज सबसे पहले आए।मधुर स्वरों में पक्षी गूंजन कर चहचहाए।कृषकों कि आवाजाही से खेतों में,हरी भरी फसलें लहराए।। घर घर मन्दिर हैं,मन… Continue reading मेरे देश की माटी