नेकी का रास्ता

तरुण आठवीं कक्षा का छात्र था। घर में सबका लाड़ला था इसलिए वह बिगड़ गया था। सुबह उठते हुए जब उसकी मां उसे कहती बेटा नाश्ता कर लो तो वह नाक भौं सिकोड़ कर कहता की क्या बना है ?उसे खाने में कुछ भी अच्छा नहीं लगता था।उसे बाजार की वस्तुएं खाने की आदत पड़… Continue reading नेकी का रास्ता