गुलाब

मैं फूलों का राजा गुलाब कहलाता हूं।मैं रंग और रूप से अपनी पहचान बनाता हूं।बसंत ऋतु में खिल कर उपवन की शोभा बढ़ाता हूं। मेरी सुगन्ध से मधुमक्खियां और तितलियां मेरे चारों ओर इठलाती हैं।चक्कर काट काट कर मुझे रिझाती हैं।झरनों कि मधुरता मुझे लुभाती है।वर्षा के बूंदों कि झंकार मुझे सुहाती है।।ओस की बूंदें… Continue reading गुलाब