कछुआ,खरगोश और बन्दरों का झूंड

एक कछुआ घने जंगल में था आया ।शीतल छांव देख कर मन ही मन मुस्कुराया।।कुछ खरगोशों ने भी वहां सुस्तानें के लिए लगा रखा था डेरा।उन्होंने सामने आ कर उसे था घेरा।। खरगोश अपनें साथियों को बोलेभागों रे भागो ,यहां से भागो।जागो रे जागो,जागो रे जागो।। मोटी और भददी खाल वाला आया है यहां एक… Continue reading कछुआ,खरगोश और बन्दरों का झूंड