रानी कम्प्यूटर और माऊस

रानी ने कम्प्यूटर चलाने के लिए पावर का बटन दबाया।
बटन क्लिक कर के अपने दोस्तों को दिखलाया।।
बार बार कोशिश करने पर भी सफल न हो पाई।
अपने दोस्तों के सामने विफल हो कर पछताई।।
रानी माऊस को उल्ट पुल्ट कर घुमाने लगी।
उस पर अपनी भड़ास निकाल कर झल्लानें लगी।।
हार कर बोली तुम मुझ से क्यों हो नाराज?
यूं मुझे क्यों कर रहे हो नासाज।।


माउस बोला मैं तो हूं भला चंगा।
तुम से मैं व्यर्थ में क्यों लूंगा पंगा?
यह मौनिटर तो बड़ा अकड़ है दिखाता।
बड़ा होनें का हर दम रौब है खुब जमाता।
मौनिटर माऊस की खिल्ली उड़ा कर बोला।
तू तो जितना है छोटा।
तू तो उतना ही है खोटा।।

मौनिटर और माउस की फिर से हुई लड़ाई।
उन की लड़ाई देख कर रानी भी मुस्कुराई
रानी माऊस को बोली तुम लड़ाई झगड़ा बंद करना सीखो
ज्यादा बड़ा बनने की धुन में ,नम्रता से काम लेना सीखो।।
माउस बोला तुम्हारी क्या है औकात?
मेरे सामाने टिक पानें की भला क्या है बिसात?

माऊस बोला मैं हूं इनपुट डिवाइस।
‌ मैं तुम्हें देता हूं एक एडवाइस।।
यदि मैं काम नहीं करुंगा तो तु भी कुछ नहीं कर पाएगा।
मेरी सहायता के बिना यूं ही हाथ पे हाथ धरे बैठा रह जाएगा।।
ईनपूट और आऊटपूट डिवाइस बोले यदि हम काम नहीं करेंगे तो माऊस भी है बिल्कुल बेकार।
वह तो बेकार में ही हम से कर रहा है तकरार।।
इनपुट और आउटपुट डिवाइस दोनों मिलकर ही काम हैं करते।
दोनों एक दूसरे के बिना कुछ भी काम करनें की नहीं सोच सकते।।
माउस और मौनिटर अपनी सोच पर थे व्याकुल।
दोनों नजरें झुका कर एक दूसरे से मौफी मांगनें के लिए थे आतुर।।
माउस बोला यह बात अब मेरी समझ में है आई।
हम दोनो अब कभी नहीं करेंगे हाथापाई
हम एक दूसरे के बिना हैं अधूरे।
एक साथ मिल जुल कर काम करनें से हम होगें पूरे।।
रानी बोली भाई तुम दोनों हमेशा अब कभी न करोगे लड़ाई।
मिल जुल कर एक साथ काम करनें में ही है तुम्हारी भलाई।।














क्षमादान

राजू एक बहुत ही शरारती बच्चा था। वह हमेशा शरारती करने में माहिर था कहीं भी कुछ भी देखता वहां पर तोड़फोड़ करना उसकी आदत बन गया था। रास्ते में चलते हुए कभी पक्षियों पर पत्थर फेंकता, कभी रास्ते में से जो भी ग्रामीण गुजरता या औरतें चलती हुई नजर आती उनकी मटकी फोड़ देता ।कभी साइकिल वाला गुजरता या गाड़ी वाला उसकी साइकिल का पंचर कर देता। वह ये सभी  काम इतनी होशियारी से करता था कि सामने वालों को भी इसकी भनक नहीं लगती थी। मां उसकी शरारतों से परेशान थी। वह उसे हमेशा कहती बेटा तुम्हारी इतनी शिकायतें आती है फिर भी तुम्हारी कान में जूं तक नहीं रेंगती। मैं तो तुम्हारी शिकायतें सुन सुन कर तंग आ गई हूं ।

उसके पिता  जब घर आए  और उससे बोले कि अगर तुम अपनी शर्तों से बाज नहीं आए तो तुम्हें हॉस्टल में डाल देंगे। वह उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लेता था ।कुछ दिन तक तो ठीक चलता रहा मगर फिर कुछ दिन बाद फिर वैसा ही कर सिलसिला जारी रहा। एक दिन उसके पापा उसके लिए एक तोते वाले से उसके लिए एक तोता ले आए। शायद तोते के साथ रहकर वह अपनी शरारतें भूल जाए ।  वह अपने तोते के साथ काफी समय बिताए गा तब उसे यह सब करने के लिए समय ही नहीं मिलेगा।

 तोते को अपने घर में रखे हुए उसे छ महीने हो चुके थे ।तोता उसकी हर बात का जवाब देता था । वह जब कभी पक्षियों को पत्थर मारने लगता उसका तोता उसे नाराज हो जाता।  तोते से  वह अपनी गलतियों के लिए क्षमा मांगता था। उसके घर के पास ही एक पीपल का पेड़ था। जिस पर चिड़ियों ने अपना घोंसला बनाया हुआ था। एक दिन राजु  घर कि बालकनी के साथ  बनें बाग में  टहल रहा था। राजू घर के आंगन में आया और उसने अपने गूलेल से चिड़ियों के बच्चे पर निशाना लगाया ।चिड़िया का बच्चा लहूलुहान हो चुका था।

 सारी चिड़िया के बच्चे के इधर उधर मंडरा रहे थे। वह चिड़िया का बच्चा मर चुका था।  पेड़ पर गूलेल मारते होते हुए राजू को  तोते नें देख लिया था।तोते नें सारा  दिन उस से बात नहीं कि वह एक ओर गुमसुम हो कर बैठ गया। तोता सोनें लगा ऐसे शरारती बच्चे के साथ वह अब कभी नहीं रह सकता ।शाम को भी तोता उसके बुलानें पर भी नहीं आया।उसने  दाना  भी नहीं खाया। बार बार आग्रह करनें पर तोता बोला  आज तो तुम ने चिड़िया के बच्चे को मारा है कल तो तुम मुझे भी मार सकते हो जब कोई मुझ पर पत्थर मारेगा तो तुम क्या करोगे? राजू बोला तो मैं उसका सिर फोड़ दूंगा ।तोता बोला जितना प्यार तुम मुझसे करते हो उतना ही प्यार इसके परिवार वाले भी उससे  करते थे। तुमने इनको बहुत ही सताया है । वह  पीपल के पेड़ पर कभी भी अपना  घौंसला नहीं बनायेंगे यह पीपल का पेड़ भी इनकी चहक  से  खुश  रहता था ।यह भी तुम्हें देख कर नाराज है । 

एक दिन तोता बोला मैं एक दिन चिड़ियों के मुखिया से जाकर मिला तो उन्होंने कहा कि राजू बहुत ही बुरा लड़का है ।इसे भी हम नुकसान पहुंचाएंगे। एक दिन राजु अपने बरामदे में खेल रहा था सो एक पक्षी की चोंच में से आकर एक सांप राजू के ऊपर गिर पड़ा। सांप को देखकर राजू एकदम दूसरी ओर हट गया ।सांप के पीछे बहुत सी चिड़ियों के बच्चे थे सांप के मुंह से वह चिड़िया का बच्चा जमीन पर गिर गया। वह बहुत  ही डर चुका था ।वह लहूलुहान हो गया था।राजू ने चुपचाप अपना फर्स्ट एड बॉक्स निकाला। उसनें डिटेल  निकाला और उस के ज़ख्म को वो कर साफ़ किया। उसे ड्रापर कि सहायता से पानी पिलाया।उसे डॉक्टर के पास ले जाकर उसका इलाज करवाया ।वह चिड़िया का बच्चा मौत के मुंह से बच गया था।

 तोता यह देखकर बहुत खुश हुआ था कि राजू ने आज चिड़िया के बच्चे को नया जीवनदान दिया था। उसने जब यह बात पीपल पर रहने वाली चिड़ियों को बतानी चाही  जहां चिड़ियों के झुंड अपने बच्चे की तलाश कर रहे थे। जब उन्होंने अपने बच्चे को कुशल पाया तो उनके जान में जान आई।

 राजू एक डोंगे में उस चिड़िया के बच्चे को पानी पिला रहा था उसे दाना भी खिला रहा था।वह चिड़िया राजू को देख कर खुश हो रही थी कि राजू सुधर चुका था। उन्होनें राजू को क्षमा कर दिया था।पीपल पर रहने के लिए अपने घोंसले में आ गई थी। पीपल का पेड़ भी मुस्कुरा कर राजू को क्षमा कर रहा था कि चलो तुमने अपनी भूल स्वीकार कर ली। पेड़ भी खुशी से मुस्कुरा दिया। चिड़ियों को चहकता देख कर अपनें पतों को हिला हिला कर उनका स्वागत कर रहा था। 

होनहार रामू

बहुत समय पहले की बात है कि एक जुलाहा था। वह अपनी पत्नी और बच्चे के साथ खुशी-खुशी समय व्यतीत कर रहा था। जुलाहा सूत कात कात कर अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहा था। एक दिन जुलाहे का हाथ सूत कातने वाली मशीन में फंस गया। डॉक्टरों ने कहा कि उसके हाथ को ठीक होने में काफी समय लगेगा अब तो उसकी पत्नी के ऊपर मानो दुखों का पहाड़ फट पड़ा ।वह सोचने लगी कि वह अपने परिवार का पालन पोषण कैसे करेगी ।उसके पति ही परिवार का पालन पोषण करते थे ।उनकी पत्नी ने निर्णय लिया कि चाहे कैसी भी हो वह अपने बच्चे को कभी भी किसी चीज की कमी महसूस नहीं होने देगी ऐसा सोच कर काम की तलाश में निकल पड़ी ।एक जगह उसे खाना बनाने और बर्तन साफ करने का काम मिल गया वह आकर अपने पति से बोली कि अभी तो आप इस साल काम पर नहीं जा सकते डॉक्टरों ने आपको काम करने से मना किया है अगर आपने काम करने की कोशिश भी की तो आपको अपना हाथ गंवाना पड़ सकता है इसलिए Tumhe चिंता करने की जरुरत नही।ं मुझे काम मिल गया है यह बात उनका बेटा राम सुन रहा था यह सुन कर उसकी आंखों में आंसू आ गए कि मेरी मां को दूसरे ग्रुप में बर्तन साफ करने पड़ेंगे तब रामू ने सोचा जब मेरी मां काम कर सकती है तो मैं क्यों नहीं सुबह जल्दी जल्दी उठकर थोड़ी देर स्कूल लगने से पहले ही कहीं काम पर जा सकता हूं और शाम को छुट्टी होने के बाद 2 घंटे काम कर सकता हूं। जब वह स्कूल से घर आया तो उसके घर के पास ही एक अखबार बेचने वाले अंकल की दुकान थी। वह उनके पास गया और प्यार से उन्हें कहने लगा अंकल जी क्या मुझे कोई काम मिल सकता है। रामू का काम करना बहुत ही जरूरी हो गया था क्योंकि रामू ने अखबार वाले से कहा कि मेरे पापा का हाथ काटने वाली मशीन में फंस गया है जिसके कारण वह अभी काम पर नहीं जा सकते अखबार बेचने वाले अंकल उदार आदमी थे उन्होंने रामू से कहा ठीक है तुम्हें एक घंटा सुबह अखबार बांटने ह।ै। बच्चा मान गया अब तो खुशी खुशी अपनी मां के पास आकर बोला मुझे भी काम मिल गया ह।ै अब वह भी हर रोज अखबार पढ़ने भी लग गया एक दिन उसने अखबार में एक इश्तिहार देखा उसमें लिखा था कि ₹1000 में काम। यहां पर इसबताये गये पते पर प्लॉट नंबर 16 में आकर मिलो अब क्या था रामू शाम को स्कूल के बाद उस स्थान पर गया जहां से इश्त़ हार मिला था। वहां पर पहुंचकर उसने वहां पर एक बड़े लंबे कोर्ट वाले इंसान से मिला ।वह राम को अंदर ले गया और उसे कहने लगा तुम्हें हमारा काम करना होगा और इसके बदले में मैं तुम्हें हजार रुपए दूंगा हमारी शराब बनाने की फैक्ट्री है। हमारा शराब का धंधा है तुम्हें तो सिर्फ जो काम हम कहेंगे वही काम तुम ही करना होगा क्योंकि इसके बदले में मैं तुम्हें हजार रुपए दूंगाः घर आकर उसने सारी बात अपनी मां को कहीं मां ने उसे कहा कि हो सकता है वह अच्छा आदमी न हो बिना सोचे समझे मैं तुम्हें वहां काम नहीं करने दूंगी ।वह कहने लगा मां आप मुझ पर विश्वास नहीं करती मैं आपके सिर पर हाथ रखकर कसम खाता हूं कि मैं कभी भी बुरा काम नहीं करूंगा इस तरह उसे काम करते-करते 2 महीने हो गए थे ।उसे वहां का मालिक एक सूटकेस को ले जाने के हजार रुपए देता था एक दिन उसकी मैडम स्कूल में बच्चों को पढ़ा रही थी कि किस तरह बड़े बड़े गैंग के आदमी बच्चों से गलत काम करवाते है सूटकेस में हीरे जवाहरात आदि डालकर उन्हें कहीं बाहर भिजवाते है।ं बाहर का माल यहां लाते हैं गिरोह के चुंगल में जो एक बार फस जाता है वह आसानी से नहीं छूट सकता ं मैडम की बातों को सुनकर रामू का कलेजा मुंह को आने लगा वह सोचने लगा कि मेरा मालिक भी उसे सूटकेस को बाहर भी जाता है और दूसरे व्यक्ति से सूटकेस मैं यहां लेकर आता हूं ।मैंने कभी सूटकेस को खोल कर नहीं देखा कि इसमें क्या है अब क्या करूं उसके पसीने छूटने लगे परंतु वह डरपोक बच्चा नहीं था इस बार वह दसवीं की परीक्षा देने वाला था ।घर आकर उसने सारी बातें अपनी मां से कहा मां ने कहा कि तुम्हारे पापा के एक पुलिस अंकल दोस्त है ।वह कल हमारे घर आएंगे उन से सलाह विमर्श करेंगे ।दूसरे दिन जब उनके पुलिस अंकल घर आए तो रामू ने सारी बात पुलिस अंकल से कही पुलिस अंकल ने उसे सांत्वना दी और कहा अच्छा तुम्हें यह काम करते हुए 2 महीने ही हुए हैं अगर वह आदमी किसी धंधे में लिप्त होगा तो हम आसानी से उसके अड्डे पर पूरी निगरानी रखेंगे ।तुमने यह बातें किसी से नहीं कहनी ह।ै अब जब तुम्हें सूटकेस कहीं भिजवाने के लिए देगा तो मैं उसको खोल कर देखूंगा कि इसमें क्या है उसने पुलिस अंकल को बताया ै कि वह सूटकेस के साथ शराब का बॉक्स भी भेजता है अब तो पुलिस वाले को संदेह हो गया कि किसी गैंग वाले ने उस मासूम बच्चे को हथियार बना लिया है उन्होंने रामू को कहा कि तू चुपचाप सूटकेस मुझे दे देना परंतु रामू ने कहा कि उसके मालिक ने यह कहा है कि हमारी तुम पर नजर है कि अगर तुमने इस को खोलकर देखा तो हमें पता चल जाएगा। हम तुम्हें हजार रुपए नहीं देंग।े तुम्हारी नौकरी भी छीन लेंगे तब पुलिस ने कहा तुम डरो मत हम हर तीन किलोमीटर के दायरे पर हमने एक एक पुलिस वाले को तैनात किया हुआ है जब उस लंबे कोट वाले आदमी ने एक दिन उसे सूटकेस ले जाने के लिए कहा तो उसने जल्दी से सूटकेस लिया और जाने के लिए तैयार हो गया तब लंबे कोट वाले आदमी ने रामू को कहा कि तुमने यहां पर काम करने की बात किसी को बताई तो नहीं ःरामू ने कहा नहीं अपनी मां के सिवा उसने यह बात किसी को नहीं बताई ह।ै उस लंबे कोट वाले आदमी ने उसे जाने के लिए कहा जैसे ही रामू जाने लगा और वह सूटकेस को लेकर बाहर निकला उसका डर के मारे बुरा हाल था। उसने देखा कुछ दूरी पर पुलिस इंस्पेक्टर खड़े थे। वह उनके पास ही आने वाला था तभी उसने देखा कि एक लंबे कोर्ट वाले की नजर उस पर थी। वह पुलिस इंस्पेक्टर की ओर ना जाकर वहां चल पड़ा जहां उसे भेजा गया था थोड़ी दूर चलेे जाने पर दूसरे पुलिस इंस्पेक्टर को देखकर वह चौका ।पुलिस इंस्पेक्टर के हाथ में वह वैसा ही सूटकेस था पुलिस इंस्पेक्टर ने जल्दी से उसका सूटकेस बदल दिया और उसे अपना सूटकेश थमा दिया ।और उसका सूटकेस ले लिया अब रामू ने जल्दी से सूटकेस लिया और जल्दी जल्दी चलने लगा ।उसने वह सूटकेस एयरपोर्ट पर एक आदमी को दे दिया और उसे दूसरा सूटकेस ले लिया। जब पुलिस इंस्पेक्टर ने उसे खोलकर देखा तो उसे सूटकेस में नकली नोट थे और सबसे नीचे हीरे थे । उसे समझते देर नहीं लगी कि वह गैंग का ही ग्रुप था अब दूसरे दिन पुलिस इंस्पेक्टर के सारे पुलिस के सिपाहियों ने शराब की फैक्ट्री पर धावा बोल दियाऔर सब को पकड़ कर हवालात में बंद कर दिया और रामू की पढ़ाई का खर्चा सरकार ने अपने ऊपर ले लिया।