प्यारे प्यारे चंदा मामा।न्यारे न्यारे चंदा मामा।तुम हो सब के राजदुलारे मामा।मां कहती हैं तुम अपनी किरणों की प्रखरता से सारे जग को चमकाते हो। किरणों की चकाचौंध से सभी के मनों को लुभाते हो।।कभी गोल-मटोल बन कर दिखाते हो।कभी तिरछी कलाओं का जाल दिखाते हो।कभी आधी, कभी पुरी आकृति बनाते हो। आमावस की रात… Continue reading चंदा मामा भाग-२