एक गांव में एक विद्वान पंडित रहा करता था। नदी के किनारे पर उसने अपना घर बनाया हुआ था। अपने हाथों से काम करने में पंडित को बहुत ही मजा आता था। हर रोज नित्य क्रम से निवृत हो कर अपने खेतों में हल चलाता और सारे काम स्वयं किया करता था। उसने अपने घर… Continue reading (लौट के बुद्दधू घर को आए)
Category: Stories
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सैनिकों के प्रति श्रद्धांजलि
कौन कहता है कि मां आपका लाल युद्ध भूमि में मारा गया। वह तो आपके दूध का कर्ज चुकाता शहीद हुआ।। वह रण बांकुरा आपका गुदड़ी का लाल था। वह रण बांकुरा आप की आन बान और शान था। अपने देश के प्रति अपना कर्तव्य निभाता शहीद हुआ। अपना खून बहा कर वीरगति को प्राप्त… Continue reading सैनिकों के प्रति श्रद्धांजलि
मेरी प्यारी बहना(कविता)
एक दिन मुन्नी भैया से बोली। भैया मैं हूं तुम्हारी छोटी बहना चुन्नी। स्कूल को जब भी जाती हूं। डर कर दो कदम पीछे हट जाती हूं। मैडम के प्रश्नों का भी उत्तर नहीं दे पाती। इसलिए हर वक्त उदास होकर बैठ जाती।। चुन्नु बोला सुन मेरी बहना। तू है मेरी सुंदर गुड़िया सी बहना।।… Continue reading मेरी प्यारी बहना(कविता)
(सच्चा सुख) कविता
एक जंगल में काला हिरण और हिरणी थे रहते। दोनों पति-पत्नी खुशी से थे रहते। काला हिरण अपनी हिरणी से था बहुत प्यार करता। उसकी छोटी-छोटी इच्छा हरदम पूरी था किया करता। एक दिन हिरण बोला हिरणी से तुम क्यों इतना लगाव मुझसे हो किया करती। तुम मेरे बिना भी क्यों नहीं रह सकती। हिरण… Continue reading (सच्चा सुख) कविता
पढ़ना लिखना है जरुरी
11/12/2018 एक दिन मुन्नू अपनी मां से बोला मां मुझे पाठ याद करवाओ न। मुझे पाठ के साथ साथ इसका अर्थ भी समझाओ न।। मां बोली बेटा मैं हूं अनपढ़। मैं तुझे ना पढ़ा पाऊंगी। लेकिन मैं तुम्हें अच्छी शिक्षा दे पाऊंगी।। मां बाप नें जल्दी से शादी कर डाली। शादी करके अपनी जिम्मेदारी पूरी… Continue reading पढ़ना लिखना है जरुरी
काली और भूरी कोवी
एक घना जंगल था वहां पर एक पीपल का पेड़ था। उस पेड़ की शाखाएं दूर दूर तक फैली हुई थी। उस पेड़ की शाखा पर कौवे और कौवी का परिवार रहता था। काली कौवी भी भोजन की तलाश में दूर-दूर तक निकल जाती थी। उस पेड़ की दूसरी तरफ साथ में एक दूसरे पेड़… Continue reading काली और भूरी कोवी
काली और भूरी कौवी
ईमानदार बंजारा
बंजारों की एक छोटी सी बस्ती थी। उन बंजारों का मुखिया था रामप्रसाद। रामप्रसाद को उन्होंने मुखिया पद से हटा दिया था। वह अपने बेटे के साथ अलग से रहता था। राम प्रसाद की पत्नी मर चुकी थी। उसनें अपनें बेटे का नाम विवेक रखा था। प्यार से वह अपने बेटे को विकु बुलाया करता… Continue reading ईमानदार बंजारा
(झपटू)
एक राजा था उसके एक बेटा था वह अपने बेटे को प्यार से झपटू बुलाता था जब वह छोटा था वह हर एक वस्तु को झपट कर प्राप्त कर लेता था। उसकी आदत बड़े होकर भी वही बनी रही। वह बहुत ही दयालु था।। एक बार राजा ने झपटू को अपने पास बुलाया और कहा… Continue reading (झपटू)
वनस्पति वैज्ञानिक हितेश
एक बच्चा था उसका नाम था। हितेश। वह बहुत ही शरारती था । वह प्रकृति की गोद में अर्थात् जंगल में पैदा हुआ था । हितेश की नानी ने उसके पापा को कहा था कि सविता मेरे ही घर पर बच्चे को जन्म दे गी। तुम इसको वहां पर छोड़ देना अभी हितेश के पैदा… Continue reading वनस्पति वैज्ञानिक हितेश