यह कहानी हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव की है ।एक बार मुझे शिक्षा के किसी कार्यक्रम के लिए बाहर जाने का मौका मिला। वहां जाकर मुझे इन इलाकों को देखने के बाद मेरी लेखनी ने मुझे यह लिखने के लिए मजबूर कर दिया ।मैं धीरे धीरे चलती जा रही थी। मैं इन कस्बों… Continue reading आशा की किरण
जीवन दान
किसी गांव में वैशाली नाम की एक औरत थी। उसके एक बेटा था वह कपड़े सिल सिल कर अपना तथा अपने बेटे का पेट पाल रही थी। उसके पिता नहीं थे ।उसका बेटा आठवीं कक्षा में पढ़ता था। किशन बहुत ही होशियार था उसके गुरुजन उस से बहुत प्यार करते थे वह जो कुछ अध्यापक… Continue reading जीवन दान
आशा कीकिरण
यह कहानी हिमाचल प्रदेश के एक छोटे से गांव की है ।एक बार मुझे शिक्षा के किसी कार्यक्रम के लिए बाहर जाने का मौका मिला। वहां जाकर मुझे इन इलाकों को देखने के बाद मेरी लेखनी ने मुझे यह लिखने के लिए मजबूर कर दिया ।मैं धीरे धीरे चलती जा रही थी। मैं इन कस्बों… Continue reading आशा कीकिरण
अनौखा मिलन
आज होली का दिन था ।सभी बच्चे अपने घरों में होली खेल रहे थे। नन्हा सा रौनित भी होली खेलना चाहता था पर उसकी मां उसे कभी होली खेलने नहीं भेजती थी। रौनित का दिल करता कि वह भी पानी से भरी बाल्टी में पिचकारी से रंग खेले, परंतु उसकी मां ने उसे कभी भी… Continue reading अनौखा मिलन
मौसी
एक किसान था वह अपनी पत्नी और बेटी के साथ गांव में रहता था ।किसान और उसकी पत्नी दिन रात मेहनत करके अपना जीवन- यापन कर रहे थे । किसान की पत्नी हमेशा अस्वस्थ रहती थी न जाने उसे कौन सी बीमारी ने घेर लिया था ।उसकी बेटी की शादी हो चुकी थी। उसके पति… Continue reading मौसी
कीमती उपहार
किसी गांव में एक किसान रहता था। वह बहुत बूढ़ा हो चुका था ।।एक दिन वह बैठा-बैठा सोचने लगा कि मेरे दो बेटे हैं। एक बेटा तो मेहनत करके अपना निर्वाह अच्छे ढंग से कर सकता है परंतु उसका दूसरा बेटा बहुत ही आलसी था ।वह कुछ भी काम धंधा नहीं करता था ।बैठे बैठे… Continue reading कीमती उपहार
रूलदू और गडरिया
एक चोर था वह अपनी पत्नी के साथ एक छोटे से कस्बे में रहता था। उसकी पत्नी बहुत ही नेक थी वह चोर को कहती थी कि चोरी का धंधा छोड़ दो ।चोर कहता था जब तक मुझे कोई काम नहीं मिलेगा मैं चोरी करना नंही छोड़ सकता क्योंकि मैं पढ़ा लिखा नहीं हू।ं मेरे… Continue reading रूलदू और गडरिया
आधुनिक पीढी
5 सितंबर का दिन था ।स्कूल में बच्चे अपने तरीके से शिक्षक दिवस के कार्यक्रम का आयोजन कर रहे थे । उन्होंने पहले से ही इसके लिए रिहर्सल करनी शुरू कर दी । उन्होंने अपने कार्यक्रम के बारे में किसी को भी नहीं बताया था क्योंकि वह अपने अध्यापकों की एक्टिंग करने की कोशिश कर… Continue reading आधुनिक पीढी
Placeholder मेरी बगिया के फूल
पृष्टभूमि
मैं मीना शर्मा , कहानी का गुल्लक में आपका स्वागत करती हूँ और कहानी का गुल्लक को पढ़ने लिए आपका धन्यवाद भी देना चाहती हूँ। कहानी का गुल्लक का उद्देश्य नयी पीढ़ी में हिंदी के प्रति जागरूकता पैदा करना है। हमारी मातृभाषा हिंदी कहीं दब के ना रह जाये, नयी पीढ़ी को हिंदी भाषा से… Continue reading पृष्टभूमि