प्रकृति से प्यार करना सीखो।

प्रकृति ने ही हमें कण कण में परोपकार करना सिखाया।उस की गोद में खेल खेल कर हम सब नें अपना बचपन बिताया।अपनें बचपन के क्षणों का अद्भुत आनन्द उठाया।।प्रकृति कि खुबसुरती को निहार मंत्र मुग्ध हो जाऊं।।पौधों को खिलता देख कर के मैं शुद्ध वातावरण में रम जाऊं।प्रकृति से जुड़ी हर चीज से जीवन में… Continue reading प्रकृति से प्यार करना सीखो।

ऋतुराज बसंत

प्रकृति के सौंदर्य में चार चांद लगाता है ऋतुराज बसंत।मलय पवन की सुगन्ध से लता कूंज को महकाता है बसंत।। पीली सरसों से खेतों को सुसज्जित करता है बसंत।झूम झूम के पक्षियों के कलरव से वन को महकाता है बसंत।। प्रकृति के कोनें कोनें में अपनी छटा को बिखराता है बसंत।हर्ष आनन्द प्रेम प्रसन्नता और… Continue reading ऋतुराज बसंत