अनमोल वचन

भज सके तो भज ले राम नाम प्यारा।
पाछे फिर पछताएगा जब छुटेगा घर द्वारा।।
दाता इतना दिजीए,जितना निर्वाह होई जाए।
घर पे आया कोई पाहुना, भूखा न रहे जाए।।
कुटिल वचन न बोलिए,जो काया को करे तार तार।
मृदुल वचन जल रुप है ,बरसे अमृत धार।।
राम राम भज ले बन्दे,राम नाम अनमोल।
सियाराम भज कर ही तो ,जीवन में अमृतरस घोल।।जीवन में अमृत रस घोल।
आए हैं सो जाएंगे,राजा,रंक,फकीर।
अपनी अपनी करनी का फल भुगतेंगे सभी,
ये पत्थर की लकीर।ये पत्थर की लकीर।।

सीता ही राम राम,सीता ही भवानी।
भवानी ही रामराम,न समझे वो अज्ञानी।।
जनक सुता जग जानकी।
प्रिया प्राण “जान”की।
प्रिया प्राण जान की,
मधुर वचन है औशधि सब गुणों की खान।
पर को भी अपना बनाए यही सद्गुणों की पहचान।।
यही सद्गुणों कि पहचान।।
तिनका तिनका जोड़ कर मानव महल बनाएं।
तिनके कि महानता को हर कोई समझ न पावे।।
माला फेरते जुग भया फिरा न लालच का फेर।
जो लालच न करें,वहीं चखे अमृत बेल।।
वहीं चखे अमृत बेल।।
यश,वैभव, समृद्धि पाना चाहे हर कोई।
पुरुषार्थ करने को ,कोई न तत्पर होई ,कोई न तत्पर होई।।

गाय माता

गाय जगत माता कामधेनु है कहलाती।
गाय की सेवा घरों में खुशहाली को बढ़ाती।।

धर्म,अर्थ,मोक्ष का आधार है गौ माता।।
सकल जग उदधारिणी है गौ माता।
समन सकल भव रोग हारिणी है गौ माता।।


पृथ्वी पर रहनें वाले जीवों से करती है प्यार।
हर प्राणी,जीवों पर इसके हैं असंख्य उपकार।।
गाय की सेवा,पालन पोषण करना है धर्म हमारा।
इस से बढ़ कर नहीं है कुछ भी दायित्व हमारा।।
गाय में है सभी देवी देवताओं का वास।
यह तो हैं सभी तीर्थों में सब से खास।।

सोलह संस्कार गौ के साथ ही पूर्ण कहलाते।
इन संस्कारों के बिना हम अपूर्ण ही रह जाते।
पुराणों में गाय है मोक्ष का द्वारा।
सेवा कर समस्त पापों,संतापों से पातें हैं छुटकारा।।

गाय का गोबर है लाभकारी।
उपले, किटाणुओं और रोगों को मिटानें में है चमत्कारी।।
गोबर में है अद्भुत शक्ति।
मलेरिया, मच्छरों को भगानें की है शानदार युक्ति।।
गाय के गोबर के प्रयोग से बंजर भूमि की भी उपजाऊ क्षमता बढ़ती।
फसलों को हरा भरा कर किसानों में दुगुना उत्साह है बढ़ाती।।
गाय के दूध से बनी वस्तुएं सभी जनो को है भाता
दूध,दही, मक्खन,भी सभी जनों को है सुहाता।।

गाय हमारे आत्मसम्मान का है गौरव।
प्रेम और संस्कृति का है सौरभ।।
गौ हत्या करना है महापाप।
गौ को बूढ़ा होनें पर बाहर कर देना है अभिशाप ।।
गौ हत्या करनें वालों को बख्सा नहीं जाएगा।
उनके दुष्कर्मों का परिणाम प्रकृति से स्वयं मिल जाएगा।।
गाय का अपने माता पिता कि तरह हमेशा करो सम्मान।
जग में उनकी सेवा कर पा जाओगे मनोइच्छित वरदान।।