आज का काम कल पर मत छोड़ो। अपनी इस आदत को जल्दी बदल डालो।। कल कल करते करते आज कभी नहीं आएगा। अरे! मानव इस भाग दौड़ में तू हमेशा पीछे छूट जाएगा।। जिंदगी में कुछ करना चाहते हो तो हवाई किले बनाना बंद करो। कुछ नया करके उत्साह के साथ आगे बढ़ो।। दृढ निष्ठा… Continue reading आज का काम कल पर मत छोड़ो
Category: Poems
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आओ पर्यावरण दिवस पर करें हम परोपकार
आओ पर्यावरण दिवस पर करें हम परोपकार। एक नहीं दस दस वृक्ष लगा कर देश का करे उद्धार। वृक्ष है जन जन की मूल्यवान संपत्ति। यह व्यक्ति में खुशहाली और समृद्धि को है दर्शाती। पर्यावरण संतुलन पर संकल्प ले कर हर बच्चा इस पर करो विचार।। पर्यावरण से पैदा होने वाली विभीषिका के मूल पर… Continue reading आओ पर्यावरण दिवस पर करें हम परोपकार
स्वच्छता का संकल्प भाग(1)
मेरे प्यारे बच्चों तुम इधर तो आओ। आने में तुम यूं ना देर लगाओ।। नाना-नानी चाचा-चाची ताया ताई, सभी को बुलाओ सभी को बुलाओ। आने में यूं ना तुम देर लगाओ।। अपनें वातावरण को साफ रखनें का तुम्हे देते हैं आज यह मूल मंत्र। यही है तुम्हारे जीवन का तंत्र।। इसको तुम सभी अपने जीवन… Continue reading स्वच्छता का संकल्प भाग(1)
पेड़ हमारे जीवन दाता
पेड़ हमारे जीवन दाता। हमारा इनसे सदियों का नाता। यह है हमारे जीवन का आधार। इनके बिना जिंदगी है निराधार। पेड़ है धरती की जान। इसकी हिफाजत करना है हमारी शान। पेड़ों को काटना है पाप। नहीं तो जिंदगी भर भुगतना पड़ेगा श्राप। पेड़ लगाओ पेड़ लगाओ।पेड़ लगा कर इस पावन धरा को और भी… Continue reading पेड़ हमारे जीवन दाता
स्वच्छता का संदेश
(स्वच्छता का संदेश) भाग(2) “ आओ हम सब मधुर स्वर में एक साथ गुनगुनाएं। मिलकर हम सब अपने पर्यावरण को स्वच्छ बनाएं।। ,, 1()धातु, शीशा, गता कागज प्लास्टिक पॉलिथीन नायलॉन कूड़ा करकट इधर-उधर नहीं फैलाएं। (2 )अनुपयोगी सामान को कबाड़ी को बेच कर आएं।। (3) हम कूड़े कचरे को जलाएं। (4)साग सब्जी और फलों के… Continue reading स्वच्छता का संदेश
आओ स्वयं को प्यार करके खुद को सराहें
आओ स्वयं को प्यार करके खुद को सराहें। खुद को तरक्की की राह पर हर दम आगे बढ़ाएं। स्वयं को प्यार करके खुद को सराहें।। दूसरों से पहले खुद को प्यार करना सिखाएं। खुद की सराहना करके दुनिया में सबसे ऊपर निकल कर दिखाएं। अपनी खूबियों को पहचान कर अपने में आत्मविश्वास जगाए।। खुद को… Continue reading आओ स्वयं को प्यार करके खुद को सराहें
माँ
मां का भोला भाला चेहरा याद आता है। उनका ममता भरा स्पर्श याद आता है। दुलार की ठंडी छांव का झोंका याद आता है। उनकी हर बात का हर शब्द याद आता है।। मां की छवि को भुलाया नहीं जा सकता। उनकी यादों को कभी मिटाया नहीं जा सकता। चाहे कितनी भी उंचाइयां छू लीं… Continue reading माँ
पैसा या रुपैया
बाप बड़ा ना भैया। इस दुनिया में सबसे बड़ा रुपैया।। पैसा है इस दुनिया में सबको प्यारा। इसके बिना किसी को भी जीना नहीं गंवारा।। पैसे की चमक इंसान को अंधा बना देती है। उसकी आंखों पर काला नकाब पहना देती है।। कलयुग में पैसे को ही अहमियत है दी जाती। जिसके पास नहीं है… Continue reading पैसा या रुपैया
ऐ राही चला चल
ए राही अपने पथ पर आगे बढ़ता चल। मत डर। निर्भीक होकर अपना काम करता चल।। पर्वत की तरह स्थिर। वायु की तरह द्रुतगति। झरने की तरह निर्मल बन कर सबके दिलों में अपनी जगह बनाता चल। हर खुशी सब पर लुटाता चल।। दुर्गम पथ पर आगे बढ़ता चल मत डर। निर्भीक होकर अपना काम… Continue reading ऐ राही चला चल
फूलों की गुफ्तगू
बाग में सारे फूल मिलकर कर रहे थे संवाद। एक दूसरे के साथ नोकझोंक कर रहे थे विवाद।। गुलाब आगे आकर बोला मैं तो हूं धरती का सबसे सुंदर फूल। मेरे जैसा खुशबु दार कोई और नहीं है फूल।। मेरे फूलों के रस से तरह-तरह के इत्र हैं बनाए जाते। इन सब का उपयोग करके… Continue reading फूलों की गुफ्तगू