दशहरे का त्योहार अपनें साथ ढेर सारी खुशियां लाया। बुराई पर अच्छाई की जय का विश्वास लाया।। सारे जंहा की खुशहाली और तरक्की का पैगाम लाया। दशहरा अपनें मन में पनपे कलुषित रावण को त्यागने का संकल्प लाया।। मिलजुल कर इस पावन त्यौहार को हंसी खुशी से मनाओ। सब वैर भाव छोड़ कर सब एक… Continue reading दशहरा
Category: Stories
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सुन्दर पक्षी मोर
भारत का राष्ट्रीय पक्षी है मोर। इसको देखकर सभी जन होते विभोर।। नर पक्षियों में सबसे सुंदर पक्षी है कहलाता। संस्कृत में मयूर अथवा नीलकंठ है कहलाता।। नीली गर्दन वाला यह पंखा कार सुंदर पक्षी है कहलाता। भारत में अतुलनीय प्रतिष्ठा और सम्मान है यह पाता।। मोरनियों संग बड़ी ही शान से नृत्य है करता।… Continue reading सुन्दर पक्षी मोर
नन्हें सिपाही
हम बच्चे हैं प्यारे, दुशमन से ना हारे। आज नहीं तो कल परसों पाएंगे मंजिल सारे।। हम इस उपवन के हैं नन्हे नन्हे वीर। इस धरा की है आने वाली तकदीर।। अपने हाथों की लकीरें खुद लिख कर लाए हैं। हम इस भारत के भाग्य विधाता बन कर आए हैं।। हम बच्चे हैं प्यारे, दुशमन… Continue reading नन्हें सिपाही
मां
मां का भोला भाला चेहरा याद आता है। उनका ममता भरा स्पर्श याद आता है।। दुलार की ठंडी छांव का झोंका याद आता है। उनकी हर बात का हर शब्द याद आता है।। मां की छवि को भुलाया नहीं जा सकता उनकी याद को कभी मिटाया नहीं जा सकता।। चाहे कितनी भी ऊंचाईया छू ली… Continue reading मां
बदलाव
सत्या एक गरीब घर की लड़की थी। उसके पिता ने उसे आठवीं तक बड़ी मुश्किल से पढ़ाया ।उसके पिता नें उसे किसी खास अधिकारी को कह कर उसे विद्युत विभाग में नौकरी पर लगा दिया। सत्या बहुत खुश हुई वह रोज अपना काम इमानदारी से करती। एक दो साल तक तो सत्या सब के साथ… Continue reading बदलाव
गुब्बारे वाला
नीले पीले हरे लाल और सफेद गुब्बारे। रंग बिरंगे हल्के और प्यारे प्यारे।। गुब्बारे देखकर बच्चे मुस्कुराए। वे गुब्बारे वाले के पास खींचे चले आए।। चुन्नू भी दौड़ा दौड़ आया। ममी को जाकर बताया।। चुन्नू अपनी ममी से बोला। गुब्बारे वाला गुब्बारे है लाया।। छोटे मोटे बडे बडे।। नीले पीले और हरे हरे।। मुझ… Continue reading गुब्बारे वाला
जादुई दीपक
रमन की मां ने आवाज दी बेटा जल्दी आओ नाश्ता कर लो। रमन आंखें मलता मलता आया मां मैं सारा दिन स्कूल से आकर थक जाता हूं। थोड़ी देर सुस्ता लूं। रमन की मां बोली तुम बहुत ही आलसी हो गए हो। बच्चे एक घंटा हो गया तुम्हें उठाते उठाते। तुम्हें उठाना तो टेढ़ी खीर… Continue reading जादुई दीपक
वीरा दीदी
किसी गांव में चंदू अपनी पत्नी झुमकी के साथ रहता था। वह बहुत ही सीधा साधा था। उसकी एक बेटी थी वीरा। । वीरा को वह बहुत ही प्यार करता था। वीरा भी हर काम में अपने मां का साथ दिया करती थी। एक दिन वीरा को छोड़कर उसकी मां सदा सदा के लिए परलोक… Continue reading वीरा दीदी
नशा नाश का दूजा नाम
नशा नाश का दूजा नाम। घर की बर्बादी है इसका काम।। नशे से अपनें बच्चों को बचाना। तुम उन्हें प्यार से समझा कर होश में लाना।। इससे जग में तो होगी ही जग हंसाई। अपनी रही सही इज्जत भी समझो तुम ने गंवाई।। नशे की आदत से बचो दुनिया वालों। अभी भी वक्त है संभल… Continue reading नशा नाश का दूजा नाम
धरोहर
एक बनिया था। वह बहुत ही कंजूस था। हर आने जाने वाले ग्राहकों को उल्लू बनाकर उनसे ज्यादा रुपया ऐंठना उसकी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल था। हर एक ग्राहक को चुना लगा कर ही दम लेता था। उसके बूढ़े पिता उसे जग्गू कहकर बुलाते थे। उसके पिता उससे कहते बेटा अपना काम ईमानदारी से… Continue reading धरोहर