जादुई तलवार और दुष्ट जादूगर (पांच दिसम्बर की कवि

परियों की राजकुमारी नैना थी बहुत ही सुंदर। सुंदर आंखों वाली थी बहुत ही चंचल।।

एक दिन नैना बाग में थी घूम रही।

फूलों के संग बाग में थी झूम रही।।

एक भंवरा उड़ कर उस बाग में आकर मंडराने लगा।

परी के आगे पीछे घूम कर उसे डराने लगा।। भंवरा आकर परी को बुलाने लगा।

उसे बुलाते देखकर परी को गुस्सा आने लगा।। परी बोली तुम कहां से आए हो?

तुम क्यों मेरे आगे पीछे मंडराए हो।।

भंवरा बोला मैं ना जाने यहां कैसे पहुंच गया? मैं तो शिकार खेलने के बहाने यहां आ कर रास्ता भटक गया।।

एक जादूगर ने मुझे भंवरा बना दिया।

मैं था एक राजकुमार मुझे भंवरा बना कर अपने महल में पहुंचा दिया।।

भंवरा बनकर अपने घर जाने की कोशिश करता रहता हूं।

हर बार विफल हो कर ही रह जाता हूं।।

परी रानी परी रानी तुम्हें देखकर मेरे मन में एक विचार है आया।

तुम्हे अपना समझ कर यह सब कहनें को मन कर गया।।

तुम्हें ही मुझे उस जादूगर से  बचा कर लाना होगा।

अपना कमाल दिखा कर उस जादूगर को सबक सिखाना होगा।।

राजकुमारी जी, मैं तुम्हें सारी बात समझाता हूं।

जादूगर को मार कर अपने देश वापस जाना चाहता हूं।।

परी बोली तुम भंवरा बन कर आए हो शायद एक बहुरूपी हो।

कैसे विश्वास करूं तुम पर तुम एक छलिए भी हो सकते हो।।

भंवरा बोला मैं था एक सुंदर देश का राजकुमार।

मैं केवल शिकार से रखता था सरोकार।।

मैं जादूगर का पीछा करता करता था दौड़ रहा। उसकी चीजों को चुराने  को मेरा मन था डोल रहा।।

उसके पास जादू की तलवार देख कर मन मेरा खुशी से झूम उठा।

तलवार की लालच में उसके पीछे चलने के लिए दिल मचल उठा।।

जादू की तलवार लेकर वह एक विशाल महल में आया।

मुझे पीछा करता देख कर उसकी समझ में सब आया।

जादूगर बोला तुम्हें पता चल गया है जादू की तलवार का।

समय आ गया है तुम्हें भंवरा बना कर अपनी भूख मिटाने का।।

जो कोई भी जादूगर की तलवार पाने की कोशिश करेगा।

वह अपनी जान से हाथ धो बैठेगा।।

तुम भंवरा बन कर  यहां  गुनगुनाते रहो। चैनसुख होकर जान अपनी गंवाते रहो।।

परी को उसकी बात में सच्चाई  थी नजर आई। वह दौड़ी दौड़ी अपनी सहेली संग बताने चली आई।।

अपनी सहेलियों को बोली हम सबको एक विशाल  जादुई महल में  जाना होगा।

वहां पर एक राज कुमार को बचा कर वापस लाना होगा।।

जादूगर ने उस राजकुमार को अपना शिकार  है  बना लिया।

भंवरा बना कर उस पर अत्याचार है किया।। चुपके से उसके महल में जाकर उसकी जादूगर की तलवार लानी होगी।

राजकुमार की जान हमें जल्दी से बचानी होगी।।

परी भंवरे के पास आकर बोली, भंवरे राजा भंवरे राजा- तुम्हें देखकर मेरा मन है डोला। तुम्ही तो हो मेरे   सपनों के सुन्दर छैला।।

 

हम  हम सब उस जादूगर को मार कर ही दम लेंगी।

जब तक वह नहीं मरेगा हम सब पीछे नहीं हटेंगी।।

भंवरा उन परियों के संग एक मिन्ट में जादूगर के देश में पहुंच गया।

राजकुमार उनकी ताकत देख कर खुश हो गया।।

वह बोला जादूगर की तलवार है चांदी के एक संदूक में ।

जिसकी खबर  का हिसाब रखता है वह जादू गर पल पल में।।

तुम्हें उस तलवार को जादूगर से लाना होगा। उसके तकिए के नीचे से चाबी को उठाना होगा।।

भंवरा बोला मैं जादूगर का पीछा करता रहूंगा। तुम्हें हर पल पल की खबरें देता रहूंगा।।

परी बोली तुम जादूगर के पास जाकर मंडराओ।

हमें भी उस जादूगर तक चुपके से पहुंचाओ।। हम जादू की बल से उस महल में आएंगी।

वहां पहुंचकर अपना कमाल दिखाएंगी।।

भंवरा उनको महल में ले गया।

परी ने उसका पीछा कर उसे जादूगर को भी खुश कर दिया।।

परी ने बिस्तर से चाबी निकालकर उस जादूगर की तलवार को प्राप्त कर लिया।

तलवार जैसे ही थी हाथ में आई।

राजकुमार की आंख  खुल आई।।

जादूगर की तलवार का स्पर्श मुझसे करवाओ। भंवरे से मुझे इंसान बनाओ।।

राजकुमारी ने जल्दी से जादू की तलवार भंवरे पर थी घुमाई।

देखते ही देखते भंवरे को भी बेहोशी छाई।। परियां यह देखकर घबराई।

थोड़ी देर बाद नौजवान राजकुमार को  इन्सान बना देख कर मुस्कुराई।।

राजकुमार बोला प्यारी प्यारी परी तुमने मेरी जान बचाकर मेरी दुनिया संवारी।

मुझे नई खुशियाँ दे कर मेरी खुशी बढाई।।

मैं उस जादूगर को जल्दी से मौत के घाट  पहुंचाऊंगा।

तुम्हें अपने रानी बनाकर अपने महल में ले जाऊंगा।।

परी ने़ राजकुमार संग की सगाई।

उसकी सखियों ने उसे सगाई की  दी बधाई।। खुशी खुशी राजकुमार परी को लेकर घर आ गया।

परी के संग ब्याह कर सुखचैन  सारा पानी गया।।

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