चमचम चमचम चमके तारे।
चन्दा से भी प्यारे।।
चमचम चमचम चमके तारे।
आओ बच्चों पास हमारे।।
चन्दा मामा कि तरह आओ सब पर रोब जमाएं।
थोडा अकडू बन कर, थोडा झगडू बन कर सब पर हुक्म चलाएं।
चन्दा मामा कि तरह चमक चमक कर ,सब के चेहरों पे खुशी कि रौनक लाएं।
छुपन छिपाई का खेल खेल कर सब का दिल बहलाओ।
हमारे साथ खेल खेल कर, हमारे संग धमाल मचाओ।।
आओ बच्चो पास हमारे, हमारे संग खेल खेल कर ढेर सारी मस्ती लुटाओ।
हमारे संग खेल खेल कर, सब का दिल बहलाओ।।
पापा की तरह रोब जमा कर , आओ सब को हंसाओ।
चांदनी कि तरह शीतल बन कर, अपनीं वाणी में मधुरता लाओ।
चमचम चमके तारे ,
चन्दा से भी प्यारे।
चमचम चमचम चमके तारे।
आओ बच्चों पास हमारे।
हमारे पास आनें से न कतराओ प्यारों।
पेडों के झूरमूट में छिप कर आओ सब को डराओ यारों।
थोडा इन्तजार करवा कर, थोडा उन्हे रुला कर खुद उन्हें मनाओ
आओ बच्चो जल्दी आओ।।
हमारे संग खेल खेल कर लुकन छिपाई का आन्नद उठाओ।
चोर सिपाही का खेल खेल कर , सिपाही बन कर चोरों को पकड़वाओ।
आओ चोर को पुलिस वाला बन कर चोर को जेल पहुंचाओ।
आगे से चोरी न करनें का मन्त्र सिखाओ।
चमचम चमके तारे, चन्दा से भी प्यारे।
आओ बच्चों पास हमारे,चन्दा से प्यारे।।
खेल खेल में अपने चारो ओर का वातावरण स्वच्छ बनाएं।
ममी पापा की तरह झाडू लगा कर, सफाई अभियान के मन्त्र को गुनगुनाएं।
स्वच्छता अभियान को कामयाब कर सफाई का महत्व सब को समझाएं।
आओ बच्चो जल्दी आओ, हमारे साथ खेल खेल कर
लुकन छिपाई का मजा उठाओः
फौजी बन कर अकड कर चल के, देश भक्ति का गीत गुनगुनाओ।
शहीदो को नमन कर के आओ उन के गुण गाओ।
उन कि राह पर चल कर कामयाब हो कर दिखाओ।
इस कविता के माध्यम से डाक्टर,अध्यापक सभी का जिक्र कर इस कविता को और भी खुखसुरत बना सकतें है।