नन्ना मुन्ना बच्चा हूं।
लेकिन कान का कच्चा हूं।।
सीधा साधा भोला भाला , लेकिन
किसी की बातों में ना आने वाला ।।
बड़ों का सम्मान करता हूं।
उनका अपमान कभी नहीं करता हूं।।
समय का पालन करता हूं।
संयम से ही सारे काम करता जाता हूं।।
नहीं करता हूं कक्षा में किसी से शत्रुता।
प्यार से सुलह करके उन से हो जाती है मित्रता।।
मां के साथ रसोई घर में उनका हाथ बंटाता हूं ।
पापा के साथ दुकान जा कर जरुरत का सामान भी लाता हूं ।।
अपनी बहन से करता हूं प्यार।
उस को किसी भी चीज दिलवानें के लिए नहीं करता हूं इंकार।।
क्रोध कभी नहीं करता।
बहन को चिढ़ाने से भी जी नहीं भरता।।
मम्मी को मक्खन खुब लगाता हूं।
अपनी बात मनवा कर नाच उन्हें नचाता हूं।।
चुटकुले सुनाकर सभी का दिल बहलाता हूं ।
नाक भौं सिकोड़ चेहरा खूब बनाता हूं।।
सभी बच्चों को इकट्ठा करके उन्हें खेल खिलाता हूं ।
खेल में धमाल मचा कर मस्ती खूब जमाता हूं।।
भोला भाला मुंह बनाकर सभी को चिढ़ाता हूं ।
पापा के आगे हथियार डाल, मगरमच्छ के आंसू बहा कर उनका प्यार भी पाता हूं ।।
दादू दादी का हूं मैं दुलारा ।
उन दोनों का हूं मैं आंख का तारा।।
कहानियां सुना कर उनका दिल बहलाता हूं।
उनका प्यार पा कर स्नेह मग्न हो जाता हूं।।