नए युग का आह्वान कर कदम से कदम मिला कर चलें हम।
जन मानस में परिवर्तन कर उनकी खोई खुशियां लौटा सके हम।।
ईश्वर की इच्छा में अपनी इच्छा मिला कर चले हम।
नव युग के अनुरुप अपने को अनुकूल बना लें हम।।
आंधी तुफानों से टकरानें की अपेक्षा समय रहते अपने को झुका लें हम।
अपनी भूल हो जहां वंहा पर सर को झुका लें हम।।
मीठे जल के झरने बहा कर सुख चैन से वास करें हम।
नए युग में संकीर्ण मान्यताओं को पीछे छोड़ चलें हम।।
अपनी दिशा में फेरबदल कर उन का रुख अपनाएं हम।
परिवार की एकता में रह कर हर काम करें हम।।
विवेक और समझदारी के बल पर अपनी कमियों पर काबू पांए हम।
कुछ अपनीकहें, कुछ उनकी सुनें।
इस विचारधारा को अपनाएं हम।।
आपसी प्यार और तालमेल से अपनें परिवार में विश्वास का दीपक जगमगा दें हम।
जन मानस में परिवर्तन कर उन की खोई खुशियों को लौटा दे हम।।
हम सभी को जागरूक कर उन में सद्भाव का बीज अंकुरित कर के दिखाएं हम।
फौलादी बन कर उन में ज्ञान का दीपक जगाएं हम।।
नए युग का आव्हान कर कदम से कदम मिला कर चले हम।
स्वार्थ और भेदभाव त्याग कर उन में सहानुभूति के गुण जगाएं हम।।
मनमुटाव और ईर्ष्या हटा कर आत्मीयतापूर्ण वातावरण अपनाएं हम।
इन सभी कुरीतियों को हटा कर हर घर घर को स्वर्ग बनाएं हम।।