पेड़ कटने से नहीं रहेगी हरियाली।
इनको काटने से कैसे आएगी खुशहाली?
वक्त से पहले ही जिंदगी थम जाएगी।
खिलने से पहले ही प्रकृति उजड़ जाएगी।।
पेड़ों की काट छांट करता रहा तो इन्सान वहशी बन जायेगा।
इंसान नहीं वह तो दरिंदा कहलाएगा।।
पेड़ कट जाएंगे तो जीव जंतु भी हाहाकार मचाएंगे ।
कम हवा से वे भी जीते जी मर जाएंगे।।
इन्सानों की उम्र घटती जाएगी।
चराचर जीवों की संख्या भी लुप्त हो जाएगी।।
जिंदा रहने के लिए सभी को चाहिए शुद्ध हवा, शुद्ध वातावरण।
प्रदूषित वातावरण में मनुष्य का हो जायेगा मरण।।
चारा और शुद्ध हवा न मिलने से जीव जंतु भी बेमौत मर जाएंगे ।
इंसानों के भी नामो-निशान मिट कर खाक में मिल जाएंगे।।
प्रदूषित वातावरण में इन्सान भी सांस नहीं ले पाएगा।
भयंकर बीमारियों से ग्रसित होकर रह जाएगा।।
जल सरोवर भी सूख जाएंगे,
इंसान और जीव-जंतु पानी के अभाव में मर जाएंगे।।
पृथ्वी भी व्याकुल हो कर रह जाएगी।
जल निमग्न हो कर शून्य में डूब जाएगी।।
प्रकृति के अनमोल रत्न हैं, जीव जंतु सारे।
इन्हें संतुलित रखनें पर ही,होगें सुरक्षित मानव सारे।।।
एक नहीं दस दस पेड़ लगानें से मानव का होता है उद्धार।
जीवन में परोपकार कर ही तरक्की का खुलता है द्वार।।