फुर्सत के क्षण (कविता)

फुर्सत के क्षणों में आ बैठ मेरे पास।

अपने मन के भावों को आ बांट मेरे साथ।। कल्पना की दुनिया से बाहर आ।

यथार्थ की दुनिया में अपना भाग्य आजमा।।

बीता समय लौटकर नहीं आता।

वर्तमान से विमुख होकर जिया नहीं जाता।।

भविष्य में अच्छे कार्य करके दिखा।

अपनी मंजिल खुद तलाश करके दिखा।।

जीवन में कोई भी चीज असंभव नहीं होती।

असंभव को संभव बनाने में मुश्किल नहीं लगती।।

कामयाबी  पा कर भी घमंड मत दिखा।

कुछ ना कुछ तो अच्छा करके दिखा।।

अंहंकार की भावना भावना को पनपने ना दे।

कलुषित विचारों को अपने मन में स्थान ना दे।।

अपने मधुर व्यवहार से सभी के मनो को जीत ले।

अपनी खुशी दूसरों पर लुटा के उनके दुःखों को बांट ले।।

  • जीवन में चुनौतियों से निपटना सीख।

कांटो भरे रास्ते  से भी  निकलना सीख।।

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