एक बनिया था। वह बहुत ही कंजूस था। एक छोटे से कस्बे में रहता था। उसका काम था रुपयों को इकट्ठा कर के संजो कर रखना। हरदम इसी ताक में रहता था कि मैं जितना भी कमाऊं वह सब का सब मेरी तिजोरी में भरा रहे एक भी रुपया इधर उधर न हो। वह… Continue reading आस्था previous post 21 november
राष्ट्रीय ध्वज
प्रत्येक राष्ट्र संघ का ध्वज है होता। यह गौरव और सम्मान का प्रतीक है होता।। राष्ट्रीय ध्वज केसरिया श्वेत और हरे रंग से है बना हुआ। इस के मध्य में अशोक चक्र है लगा हुआ।। हमारी धार्मिक स्वतन्त्रता का है प्रतीक। इस तिरंगें में 24 शलाघाएं है लगी हुई।। विभिन्न धर्मों में एकता और समभाव… Continue reading राष्ट्रीय ध्वज
घमन्डी का सिर नीचा
किसी गांव में एक पंडित रहता था। . वह सभी को कहता था कि मैं दान करता हूं। दान करने के कारण ही तो मेरे घर में सब कुछ है। पंडित बड़ा अभिमानी था। वह किसी की बात नहीं मानता था। उसका कहना था जो मेरा कहा नहीं मानेंगा उसको वह कड़ा सबक सिखाये बिना… Continue reading घमन्डी का सिर नीचा
सपनों की उड़ान
आओ बच्चों तुमको सपनों की दुनिया में ले चलें। तारों और गगन की छांव में झूला झूला सकें। आशा की किरण जगा कर उत्साह जगा सकें।। आओ बच्चों तुम को सपनों की दुनिया में ले चले। झूमते गाते हरी वादियों में ले चलें।। आओ बच्चों तुमको सपनों की दुनिया में ले चलें। बनाओ मिसाल ऐसी… Continue reading सपनों की उड़ान
नन्ही चिड़िया की पुकार
नन्ही चिड़िया मां से बोली। मैं हूं तेरी प्यारी भोली।। जल्दी से दाना देखकर मेरी भूख मिटाओ न। कहानी सुनाकर मेरा दिल बहलाओ न।। मां बोली ना कर शैतानी। हर दम करती रहती मनमानी।। नन्ही चिड़िया बोली अभी खेलने जाना है। नन्ही चिड़ियों संग खेल खूब धमाल मचाना है।। मां चिड़िया बोली तेरी एक नहीं… Continue reading नन्ही चिड़िया की पुकार
जादुई तलवार और दुष्ट जादूगर
परियों की राजकुमारी नैना थी बहुत ही सुंदर। सुंदर आंखों वाली थी बहुत ही चंचल।। एक दिन नैना बाग में थी घूम रही। फूलों के संग बाग में थी झूम रही।। एक भंवरा उड़ कर उस बाग में आकर मंडराने लगा। परी के आगे पीछे घूम कर उसे डराने लगा।। भंवरा आकर परी को बुलाने… Continue reading जादुई तलवार और दुष्ट जादूगर
बेजुबान
पर्यटन स्थलों के लिए शिमला की वादियों में घूमने आए दिन बहुत लोग पहाड़ों की ठंडी ठंडी वादियों का लुत्फ उठाने सैंकड़ों की संख्या में शिमला घूमने आते हैं। शिमला की प्राकृतिक छटा का अनुपम सौंदर्य उन्हें शिमला की वादियों का आन्नद लेने के लिए अपनी ओर आकर्षित करता है। हर पर्यटक का मन करता… Continue reading बेजुबान
सिसकती आहें
26/11/2018 (नई कहानी) पारो के परिवार में उसकी दो बेटियां थी। शैलजा और शीतल। पारो बहुत ही कम पढ़ी लिखी थी। उसके मां-बाप ने उसे आगे शिक्षा नहीं दिलाई थी। वह पढ़ना तो चाहती थी मगर उसके मां-बाप ने उसकी एक नहीं सुनी। वह अपने ससुराल शादी करके आ गई। ससुराल में आकर इतना व्यस्त… Continue reading सिसकती आहें
फलों और सब्जियों की उपयोगिता
फल खाए फल खाएं। फल खाकर अपनी सेहत खुब बनाएं।। फल खाकर त्वचा पर चमक लाएं। गलत तरीके द्वारा शरीर की क्रियाओं में कमी पाएं।। सुबह-सुबह नाश्ते में खाएं फल भरपूर। इसको खा कर हो जाएं सेहतमन्द जरुर।। सब्जियों का सेवन हर मौसम में करो, इसका सेवन है लाभकारी। इससे दूर हो जाए हर बीमारी।।… Continue reading फलों और सब्जियों की उपयोगिता
सुख और दुःख की अनुभूति
पल्लवी के परिवार में उसका बेटा रामू। रामू को आवाज लगाई बेटा यहां आना। वह चिल्लाकर बोला मां क्या है? खेलने भी नहीं देती हो। नन्हा सा रामू वह अपनी मम्मी को इतना तंग करता था। लॉड प्यार ने उसे इतना बिगाड़ दिया था जब वह खाने को देती वह कहता नहीं मुझे चिप्स खाने… Continue reading सुख और दुःख की अनुभूति