एक मासूम कली

  • मां मैं हूं तुम्हारी कोख में पल रही कली प्यारी।
    जिसको जन्म ना देने की तुमने कर दी तैयारी।।

    तुम इन दुनिया वालों से क्यों डर गई।
    तुम इतनी भी बेरुख सी क्यों हो गई।।
    अपनें गर्भ में ही मुझे क्यों मार देना चाहती हो।
    मुझे मार कर क्या हासिल करना चाहती हो।।
    दुनिया वालों के दबाव में क्या आपने यह कदम उठाया।

    फिर ऐसा घिनौना कृत्य करने का ख्वाब तुम्हें किस नें दिखलाया।।
    मैं तुम्हारी कोख में पल रही हूं एक अजन्मी मासूम सी कली।
    जिस को मारकर तुम रह जाओगी हाड मांस की डली।।
    यह दुनिया वाले तुम्हें फिर भी डराएंगे।
    तुम्हें ताने दे देखकर तुम्हारे पीछे लग जाएंगे।।
  • ऐसा है तो मुझे जन्म देकर अपना कर्तव्य पूरा करो।
    जन्म दे कर अपना और मेरा जीवन सार्थक करो।।
    मैं तुम्हारी डूबती नैया को पार लगाऊंगी।
    हर मुसीबत की घड़ी में आपको मुसीबत से बचाऊंगी।।
    अपने हक के लिए मां तुम्हें लड़ना ही होगा।
  • मुझे जन्म देख कर इस संसार में लाना ही होगा।।
    बड़ी होकर मैं तुम्हारे सपनों को कामयाब कर दिखाऊंगी।
    पापियों को सजा दिला कर उन्हें जेल की सलाखों के पीछे पहुंच जाऊंगी।।
    मैं हूं तुम्हारी अजन्मी अभिलाषा।
    एक प्यारी सी सपनों की आशा।।

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