जल्दी से वर्दी पहनाकर स्कूल को करो तैयार।
लंच बॉक्स में देरी ना करो झटपट करो तैयार।
रोज-रोज रख देती हो मक्की की रोटी और साग।
जिस को खा कर अब मेरा दिल नहीं होता है बाग बाग।
मीनू अब मैंने छांट डाला।
किचन के द्वार पर लिख टांगा।
सोमवार को आलू खिचड़ी।
संग रोटी घी चुपडी चुपडी।
साथ में चटनी और अचार।
जिस को खाऊं जीभ चटकार।
मंगलवार को पूरी की है आस।
भूल न जाना रखना इसके साथ सॉस।
बुधवार को पालक सब्जी।
इसको खा कर शाला को जाऊं जल्दी जल्दी।
वीरवार को कड़ी चावल छोले।
जिसको खाकर मेरा दिल बोले ओले ओले।
शुक्रवार को मीठी खीर।
जिसको खाकर मैं बन जाऊं वीर।
शनिवार को इडली डोसा।
घर आकर केवल खाऊं एक समोसा।
रविवार को पोहा इडली।
और साथ में मां पापा के साथ ढेर सारी मस्ती।