चुन्नू मुन्नू, आज तुम खड़े क्यों हो उदास?
मत हिचकिचाओ कह दो खुलकर बिंदास। पुस्तक हाथ में लेकर करो पढ़ाई।
मत करो आपस में हाथापाई।
मन में विश्वास और उमंग जगाकर लग्न से करो पढ़ाई।
तभी तो माता-पिता और गुरु जन सभी करेंगे तुम्हारी बढ़ाई।
तुम कामयाबी की सीढ़ियां चढ़ते जाओगे।
जो अभी तक ना कर पाए वह भी तुम कर पाओगे।
सारे विश्व में अपना नाम कमाओ गे।
चारों ओर से वाह!वाह! हासिल करते जाओगे दृढ निश्चय का संकल्प लेकर अपनी उड़ान भरोगे ।
तभी तो तुम हंसते-हंसते अपनी मंजिल पाओगे।