बंदर मामा, दोस्तों संग
शादी की दावत खाने के लिए लगे जानें।
कोट पैन्ट, टाई और हैट लगा कर
सभी पर अपनी धाक लगे आजमाने।।
बार बार अपने नए जूतों को देख देख लगे खुशी से मुस्कूरानें।
तरह तरह की पोशाकें पहन कर उन के दोस्त थे आए।
दर्पण में बार बार अपना चेहरा देख कर थे शर्माए।।
इत्र की खुशबू से ,सभी को अपनी तरफ लगे लुभानें।
अपनें पर इतरा कर , बड़ी बड़ी मूछों को लगे मटकानें।।
झूम झूम कर,मस्ती भरे मन से
मन ही मन लगे गुनगुनानें।
बंदर मामा,ठुमक ठुमक कर
शादी की दावत खानें के लिए लगे जानें।।
बाजे की धुन सुन कर नृत्य के लिए आगे आए।
थिरक थिरक कर खुशी से नृत्य कर खुशी से चिल्लाए।।
तुफान मेल की तरह सभी को लगे नचाने।
सभी को रिझा कर अपनी बात लगे मनवानें।।
तरह तरह के स्वादिष्ट व्यंजनों को देख
जिह्वा से लगे लार टपकाने।
इधर उधर थाली पर ही नजरें लगे टिकानें।।
बंदर मामा ठुमक ठुमक कर
सभी दोस्तों को खानें के लिए लगे बुलानें।
चाट पकौड़ी गोल गप्पे डट कर लगे खाने।
प्लेट पर हाथ साफ कर धमाचौकड़ी लगे मचानें।।
वेटर को आइस्क्रीम लाता देख दौड़ कर खानें को आए।
भीड़ भाड़ में धक्का मुक्की से जरा भी न घबराए।।
पांडाल के पास गिरे धड़ाम से तो फिर उठ न पाए।
हाय मैं मरा!हाय मैं मरा! यह कह कर जोर जोर से चिल्लाए।।
दावत का सारा मजा किरकिरा देख अपनी करनी पर पछताए।
अस्पताल पहुंच लम्बी चौड़ी दवाईयों की लिस्ट देख हाय तौबा मचाए।
आगे से ऐसा न करने की कसम खा कर अपनी बात दोहराए।।
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लालच के फेर में पड़ कर व्यक्ति अपना ही करता है नुकसान।
लालच को अपना कर व्यक्ति हो जाता है मृत समान।।